प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस (पीएमओ) ने सभी मंत्रालयों और विभागों को सरकारी प्रोजेक्ट्स में स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल को तरजीह देने का आदेश दिया है. पीएमओ की तरफ से यह आदेश ऐसे वक्त जारी किया, जब रेल मंत्रालय ने पटरियों के लिए वैश्विक स्तर पर टेंडर आमंत्रित किया, जिसका कई घरेलू कंपनियों ने विरोध जताया था. रेल परियोजनाओं के लिए जिंदल स्टील और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड जैसी घरेलू कंपनियों की ओर से पर्याप्त आपूर्ति का आश्वासन के बावजूद रेल मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों से पटरियां खरीदे जाने के फैसला किया था. इसे लेकर रेलवे और इस्पात मंत्रालय के बीच ठनी हुई थी. इस्पात मंत्रालय ने रेल मंत्रालय के इस फैसले को मोदी सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के भी विपरीत करार दिया था. पिछले तीन वर्षों से अधिक वक्त से केंद्र की सत्ता पर काबिज़ मोदी सरकार पर नए रोजगार अवसर पैदा करने के लिए घरेलू उद्योग को आगे बढ़ाने का दबाव है. ऐसे में पीएम मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने सभी सरकारी विभागों को पत्र लिखकर कहा, ‘यह बेहद चिंताजनक है कि पीएम मोदी की ओर से दिए गए संदेश को ज्यादातर विभागों की तरफ से प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है.’ मिश्र ने अपने पत्र में लिखा, ‘सभी विभागों में उच्च स्तर पर यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि सभी टेंडर जारी करते वक्त भारतीय निर्माण कंपनियों के हितों का ध्यान रखा जाए.’
पीएमओ की ओर से जारी किए गए पत्र को इस्पात मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. इस्पात मंत्रालय की शीर्ष अधिकारी अरुणा शर्मा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है, जिसे स्थानीय कंपनियों द्वारा तैयार लोहे और स्टील के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की संभावनाएं तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है.