अगर आप असफलता के खयाल से भी घबरा जाते हैं और किसी प्रयास में असफल होने के बाद निराश होकर बैठ जाते हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि असफलता आपकी हार नहीं हैं बल्कि सफल होने की तैयारी है जो आपको इतना सक्षम बना देती है कि सफलता के शिखर पर पहुँचने पर आपके कदम डगमगायें नहीं और आप अपना संतुलन बनाये रख सकें।
ये निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि हर सफल व्यक्ति कई असफलताओं के बाद ही ऊँचे मुकाम पर पहुँचता है लेकिन ये जरूर कहा जा सकता है कि ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल करने वाले महान और सफल लोग बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करके ही सफल हो सके हैं और अपनी सफलता को स्थायी बनाने वाले लोगों ने हर बार अपनी असफलता से सीख ली है। इसी कारण ऐसे लोग, सफल होने पर की जाने वाली आम गलतियाँ करने से बच गए।
ऐसे में अगर आप भी असफलता को एक नए नजरिये से देखें तो सफल होना और अपनी सफलता को बनाये रखना आपके लिए भी बेहद आसान हो सकता है। तो चलिए, आज जानते हैं कि ऐसे नजरिये को कैसे विकसित किया जा सकता है –
वर्तमान में जीना शुरू कर दीजिये :
अक्सर असफल होने के पीछे बीते समय में की गयी गलतियां भी जिम्मेदार होती है। भूतकाल में मिली हार हमारे उत्साह को संदेह में बदल देती है और हम वर्तमान में अपनी जीत को लेकर आशंकित हो जाते हैं। इसके साथ-साथ भविष्य के लिए बनायी गयी योजनाएं भी वर्तमान पर काफी प्रभाव डालती हैं जिसके चलते हम सिर्फ भूत और भविष्य के विचारों में उलझकर रह जाते हैं और हमारा वर्तमान हाथ से निकलता जाता है।
हर कार्य के दोनों पक्ष देखिये :
सफल होने के लिए आपको जितने भी कार्य करने होते हैं, उनके दोनों पक्षों पर गौर करना शुरू कर दीजिये। उस कार्य को करने से होने वाले फायदे और नुकसान को समझ लेने के बाद, किये गए कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है जबकि कार्य में केवल एक पक्ष देखने से असफल होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए प्रत्येक कार्य के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को अच्छे से समझ लेने के बाद ही उस कार्य की ओर अपना हाथ बढ़ाइए।
प्रयोग करने से घबराइए मत :
अक्सर हम कुछ भी नया आजमाने से इसलिए डर जाते हैं क्योंकि हमें उसमें असफल हो जाने का भय रहता है। ऐसे में आप थॉमस अल्वा एडिसन से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने सैंकड़ों असफल प्रयासों के बाद बिजली का बल्ब बनाने का महान आविष्कार किया था। उन्होंने कहा था – मैं यह नहीं कहूँगा कि मैं 1000 बार असफल हुआ, मैं यह कहूँगा कि ऐसे 1000 रास्ते हैं जो आपको असफलता तक पहुँचाते हैं।
जटिलताएं स्थायी नहीं होती :
हर नए काम को करने में अक्सर हम मुश्किल का अनुभव करते हैं लेकिन इस कारण उस काम को छोड़ देना ठीक नहीं है क्योंकि अगर लगातार अभ्यास किया जाए तो हर जटिलता दूर हो जाती है और काम करना बहुत आसान हो जाता है और ऐसा करते रहने से सफल होने की राह खुलती जाती है।
शॉर्टकट ना चुने :
सफल होने की लालसा इतनी प्रबल होती है कि विवेकशील व्यक्ति को भी मार्ग से भटका देती है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता और जो शार्ट कट से प्राप्त हो जाए वो सफलता का मात्र छलावा होता है।
मानसिक रूप से स्थिर बने रहे :
अगर बड़ी सफलता की चाहत है तो किये जाने वाले प्रयास भी बड़े ही होंगे और उनमें मिलने वाली असफलता भी बड़ी हो सकती है। ऐसी स्थितियों में वही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है जो हर हाल में स्थिर और शांत बना रह सके और अपने मनोबल को गिरने ना दे इसलिए अपने हौसलों को भी उतना ही ऊँचा बनाये रखिये जितना ऊँचा आप उठना चाहते हैं।
स्वयं का आंकलन करिये, संदेह नहीं :
हर सफल कदम पर स्वयं के उन प्रयासों को देखिये जिनके कारण आप सफल हो सके और हर असफल कदम पर स्वयं की क्षमताओं पर संदेह करने की बजाए, अपने प्रयासों का आंकलन करिये और पता लगाइये कि किन कारणों से आप सफलता से चूके हैं। इसके बाद उन गलतियों को दोहराने से बचिए और उसी उत्साह से आगे बढ़ जाइये।
सफलता और असफलता दोनों ही हमारे विचारों से जुड़ी होती है। अगर हम पॉजिटिव सोच रखते हैं और बिना हारे, हर हाल में सफल होना चाहते हैं तो हम अवश्य सफल होते हैं लेकिन अगर हम नेगेटिव सोच के चलते स्वयं की क्षमताओं पर संदेह रखते हैं और परिस्थितियों को दोष देने में यकीन रखते हैं तो हमें मिली हुयी सफलता भी अस्थायी ही होती है। ऐसे में आप चुनाव करिये कि आप क्या चाहते हैं – सफलता या असफलता, क्योंकि अब आप जान चुके हैं कि ये चुनाव भी आप ही के हाथ में है।
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