मथुरा । वृंदावन में चल रहे रंगनाथ भगवान ने दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के छठे दिन शुक्रवार की शाम कांच के विमान में विराजमान होकर भक्तों संग होली खेली तो भक्त भी ठाकुर जी के आनन्द रस पाने को लालायित दिखे।
शुक्रवार की शाम ठाकुर जी श्वेत वस्त्र धारण कर कांच के विमान में विराजमान हुए। धुर गोले के साथ ही सवारी मन्दिर परिसर से बारह द्वारी में पहुंची तो वेद मन्त्रों का उच्चारण कर कुंभ आरती उतारी गयी।
मन्दिर परिसर रंगनाथ भगवान की जय-जयकार से गूंज उठा। सेवायतों ने टेसू के प्राकृतिक रंगों के साथ अबीर गुलाल भक्तों पर फैंकना शुरू कर दिया। विविध प्रकार के फूलों से भी होली खेली जाने लगी। भक्त झूमने लगे चहुं ओर मस्ती का वातावरण दिखाई दे रहा था।
इस संबंध में मंदिर की सीईओ अनघा श्री निवासन ने बताया कि उत्सवों की इस श्रृंखला में होली का उत्सव ब्रज संस्कृति के अनुरूप मनाया जाता है। ब्रज वृंदावन की पवित्र भूमि में हर भक्त प्रभु की भक्ति के रंग में रंगा रहता है।इसी भाव को मानते हुए होली का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता है।
कांच के विमान की सवारी प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्राम स्थल बड़ा बगीचा पहुंची। जहां से पुनः मन्दिर परिसर में विराजित हुई। मन्दिर परिसर में वैदिक रीति रिवाज से तिरुमन्जन के उपरांत नवीन वस्त्र धारण करा विशेष श्रंगार किया गया।
रात्रि में ठाकुर जी स्वर्ण निर्मित हाथी पर विराजमान होकर परंपरानुसार फगुआ देने गये। जहां पान, केसरिया जलेबी, आदि निवेदित की गयी।