डेस्क।आज बॉलीवुड के ‘मोगैम्बो’ यानी अमरीश पुरी की बर्थ एनीवर्सरी है. अपने लंबे चौड़े कद, खतरनाक आवाज और दमदार शख़्सियत के जरिए सालों तक फिल्म प्रेमियों के दिलों में खौफ पैदा करने वाले अभिनेता की यादें अभी हमारे दिलों में जिंदा है. कुछ लोगों का अभी भी यही मानना है कि अमरीश पुरी बॉलीवुड के अब तक के सबसे खतरनाक विलेन थें.
उनके जैसा अबतक कोई नहीं आया. आज उनके बर्थ एनीवर्सरी पर जानते हैं कुछ खास बातें… सिमरन के ‘बाबूजी’ या भी फिर मिस्टर इंडिया का ‘मोगैम्बो’… अमरीश पुरी ने अपनी जिंदगी में कई यादगार रोल निभाए. अमरीश पुरी एक ऐसे शख़्सियत थे जिनके सामने फिल्मों के हिरो का किरदार भी छोटा लगने लगता था.
उन्हें बॉलीवुड के सबसे बड़े विलेन के तौर पर पहचाना जाता था. क्या आप जानते हैं कि अमरीश पुरी ने बॉलीवुड में आने से पहले अपनी जिंदगी के लगभग दो दशक एक बीमा कंपनी को दिए थे. उन्होंने दो दशकों तक एक बीमा कंपनी के कर्मचारी के तौर पर काम किया था.
अमरीश पुरी ने 21 सालों की नौकरी बॉलीवुड में आने और अपने एक्टिंग प्रेम के लिए छोड़ दी थी. उन्हें थिएटर का शौक काफी पहले से था लेकिन कोई खास मौका हाथ नहीं लग सका था. वहीं एक वक्त ऐसा आया, जब उन्हें प्ले भी मिला और वो मशहूर थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर पहचाने भी जाने लगे.
साल 1961 में अमरीश पुरी ने कई बेहतरीन प्ले में काम किया था. थिएटर में जमकर काम और नाम कमाने के बाद भी अमरीश पुरी को बॉलीवुड में जल्दी काम नहीं मिला. इसके बाद एक्टर की जिंदगी में सत्यदेव दुबे आए. सत्यदेव दुबे उस जमाने के महान एक्टर, राइटर और डायरेक्टर थे.
उन्होंने कम उम्र में इतना सब हासिल कर लिया था कि हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थकता था. सत्यदेव दुबे अमरीश पुरी से उम्र में काफी बड़े थे इसके बाद भी अमरीश पुरी ने सत्यदेव दुबे को अपना गुरु माना था. साल 1971 में फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में अमरीश पुरी की एक्टिंग की खूब तारीफ की गई. इसके बाद अमरीश पुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 400 फ़िल्मों में काम करने वाले अमरीश पुरी यादगार किरदारों के लिए आज भी याद किये जाते हैं.
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