यदि कश्मीरी नरसंघार के लिए तब की सरकारें दोषी थी तो आज बंगाल के लिए कौन है जिम्मेदार- दिव्य अग्रवाल

SHUBHAM SHARMA
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जिस तरह से बंगाल में उन्मादियों ने तांडव मचाया एवम बीजेपी के बड़े नेताओं ने मात्र वर्चुअल धरना देकर इतिश्री कर ली वो बहूत ही निंदनीय है क्या बंगाल की जनता का यही दोष था कि उन्होंने बीजेपी का साथ दिया । जिस तरह कश्मीरी पंडितों के नरसंघार व पलायन पर तब की केंद्र सरकार को आज तक बीजेपी जिम्मेदार ठहराती है तो अब जो बंगाल में हुआ उस पर चुप्पी साधने के लिए जिम्मेदार कौन है ।

ये हकीकत है कि कॉंग्रेस पार्टी आज अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है परंतु ये भी सत्य है कि कॉंग्रेस ने लंबे समय तक इस देश पर राज किया अपनी विचारधारा को जीवित रखने के लिए कॉंग्रेस को जो ठीक लगा वो कॉंग्रेस ने किया चाहे कांग्रेस को मानवता का दोहन ही क्यों न करना पड़ा हो ।

बीजेपी आज जिस विचारधारा को लेकर सत्ता में आयी थी उस विचारधारा को संरक्षित करने में बीजेपी पूर्ण रूप से असमर्थ नजर आ रही है क्या सबका साथ सबका विश्वास उस विचारधारा को निगल गया है, सदैव ममता बनर्जी को दोष देना बंगाल की स्थिति पर मात्र वर्चुअल संवेदना देना,बंगाल सरकार के कार्य को असंवैधानिक कार्य बताकर प्रचार करना ।

इससे कुछ समय तक राजनीतिक फायदा सत्तापक्ष को अवश्य मिल सकता है क्योंकि एक वर्ग इस डर से बीजेपी को हमेशा वोट देता रहेगा की यदि बीजेपी सत्ता में नही आयी तो हमारा भी वो ही हाल होगा जो कश्मीरी पंडितों का कश्मीर में,मानवता का बंगाल में ,केरल आदि जगह पर हुआ पर क्या वो ही वोटर ये नही सोचेगा की जब बीजेपी बंगाल में मानवता को बचाने के लिए कोई संवैधानिक कदम भी नही उठा पायी तो वो बीजेपी तुम्हारी क्या सुरक्षा करेगी अतः इस प्रकार की शैली अपनाकर मानवता को बचाया नही जा सकता है ।

देखा जाए तो आज योगी आदित्यनाथ जी महाराज की कार्यशैली ज्यादा क्रियान्वित एवम प्रभावशाली है जिनके नेतृत्व में कोई दंगा उत्तर प्रदेश में नही हुआ चाहे CAA हो ,चाहे 370 हो या श्रीराम मंदिर के निर्णय का मुद्दा रहा हो योगी जी महाराज ने प्रदेश का माहौल बिल्कुल भी बिगड़ने नही दिया ।

सख्ती से कानून का पालन करवाया चाहे उसके लिए कोई नया कानून ही क्यों न बनाना पड़ा हो । योगी जी ने उत्तर प्रदेश में बंगाल जैसे हालात कभी नही बनने दिए पर ये भी सच है कि योगी जी बहूत जगह ब्यूरोक्रेसी को नही समझ पाए एवम ब्यूरोक्रेसी के मनचाहे रवैये के कारण बहूत जगह सरकार विफल भी हुई ।

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो की सुनवाई प्रसाशनिक स्तर पर बिल्कुल नजरअंदाज की गई, जनप्रतिनिधि भी अपने घरों में बंद हो गए । जनता अपने उचित कार्यो के लिए भी नेताओ के दरवाजे दरवाजे घूमती रही पर कहीं कोई सुनवाई नही हुई ।

उसका एक बड़ा कारण यह भी है कि योगी जी के साथ साथ दो – दो उपमुख्यमंत्री ,संघठन के प्राचरक, संयोजक आदि बहूत से नेता क्रियाशील रहे इतना ही नही बहूत से लोगो पर तो सीधा केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद बना रहा जिसके कारण योगी जी बहूत सी जगह चाहकर भी कठोर कार्यवाही नही कर पाए ।

आज मानवता को बचाने के लिए मानवता में विश्वास करने वाले लोग राजनेता के तौर पर योगी आदित्यनाथ जी महाराज को अंतिम सूर्य के रूप में देखते है तो यदि बीजेपी को वास्तव में उस विचारधारा को संरक्षित करना है जिसको लेकर वो सत्ता में आयी थी तो योगी जी महाराज को फ्री हैंड देना होगा ओर योगी जी को भी समझना होगा कि हर कार्य के लिए जनता मुख्यमंत्री कार्यलय तक नही पहुँच सकती जिसके लिए क्षेत्रीय नेताओ की सुनवाई व ब्यूरोक्रेसी पर सख्ताई बहूत जरूरी है।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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