डेस्क।माता-पिता का रिश्ता भगवान से भी ऊपर होता है। खुशी हो या दुख, हमेशा माता-पिता साथ खड़े रहते हैं और खासकर पिता की अगर बात करें तो उनकी मौजूदगी हमें ये अहसास कराती है कि हम सुरक्षित हैं। हालांकि भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोग अपने घर-परिवार, माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं।
कभी पिता की व्यस्तता होती है तो कभी बच्चों के अपने काम होते हैं, जैसे- नौकरी या पढ़ाई की वजह से उन्हें कई बार साथ समय बिताने का मौका नहीं मिलता। इससे कुछ हद तक दूरियां भी बन जाती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम खुद में कुछ बदलाव करें, काम या पढ़ाई से कुछ समय निकालें और पिता के साथ वक्त बिताएं, जिससे रिश्ते को और भी मजबूती मिले।
पिता के साथ ऐसे बिताएं वक्त
चूंकि पिता या बच्चों की अपनी व्यस्तता होती है और समय बिताने का मौका कम ही मिलता है, ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि पिता के साथ थोड़ा सा ही सही, लेकिन वक्त बिताएं तो उनके साथ मॉर्निंग वॉक पर जाएं। इसके दो फायदे हो सकते हैं, एक तो आपको पिता के साथ बातचीत करने का काफी मौका मिलेगा और दूसरा कि वॉक करने से उनकी और आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी। ऐसा अगर रोज करेंगे, तो आपके रिश्ते को और भी मजबूती मिलेगी।
पिता की सेहत का ध्यान रखें
जब बच्चे छोटे होते हैं तो पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि वे उनकी सेहत का ध्यान रखें और जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी भी यही जिम्मेदारी बनती है कि वो भी अपने पिता की सेहत का ख्याल रखें। अगर पिता को कोई भी छोटी या गंभीर बीमारी है, तो उनकी दवाओं का ध्यान रखें, उन्हें समय पर दवा खिलाने में मदद करें और अगर जरूरत पड़े तो उन्हें डॉक्टर से भी दिखाएं। इससे पिता को भी अहसास होगा कि उनके बच्चे उनका बेहतर ख्याल रख रहे हैं, इससे उनकी सेहत में भी सुधार होगा।
पिता की भावनाओं का रखें ख्याल
अपने पिता से किसी बात को लेकर मतभेद न रखें और अगर मतभेद हैं तो उसे जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास करें। चूंकि कई बच्चों की यह आदत होती है कि वो बोलने से पहले कुछ सोचते नहीं और अपने पिता को भी कुछ भी बोल जाते हैं। इससे उनकी भावनाएं आहत हो सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि अगर उनसे विनम्रता से कोई भी बात कहें और उन्हें अपनी बात समझाने का प्रयास करें, क्योंकि उग्र होने से बात और बिगड़ सकती है।