भोपाल । सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से बुधवार से नौतपा शुरू हो गए हैं, यह 2 जून तक रहेंगे। चंद्रमा जल की राशि मीन में होने से इस बार नौतपा में बारिश होने की संभावना भी बन रही है।
इससे नौतपा के दौरान गर्मी के तेवर नरम रहने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर तीन मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं।
इससे वातावरण में नमी आ रही है। इसकी वजह से इस नौतपा में गर्मी का असर कम रहेगा। इस दौरान कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है।
ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी के अनुसार हिन्दी पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ 17 मई से शुरू हो चुका है। यह महीना 14 जून तक चलेगा। बुधवार, 25 मई को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को सुबह 8.16 पर सूर्यदेव ने रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश किया।
इसके साथ ही जेठ के नौतपा की भी शुरुआत हो गई है। गर्मियों में नौतपा सबसे अधिक गर्म होते हैं। सूर्यदेव 8 जून को सुबह 6.40 तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे। इस बार सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 14 दिनों तक रहेंगे। इस दौरान नौतपा 2 जून तक चलेगा।
मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है और पिछले तीन दिनों से जगह-जगह तेज हवाओं के साथ बारिश भी हो रही है। इससे तापमान में कमी आई है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को मध्यप्रदेश में सबसे अधिक तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस सीधी में दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में आठ, मलाजखंड में एक मिलीमीटर बारिश हुई।
जबलपुर, इंदौर में बूंदाबांदी हुई। राजधानी भोपाल में मंगलवार सुबह पांच बजे लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने के साथ तेज बारिश हुई थी, जिससे बीती रात का न्यूनतम तापमान लुढ़ककर 19.5 डिग्री पर आ गया। यह पिछले 10 साल का रात का सबसे कम तापमान है।
भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मानसून पूर्व की गतिविधियों में तेजी आने के कारण पूरे प्रदेश में तापमान में गिरावट होने लगी है।
हालांकि, वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण उमस बढ़ गई है। बुधवार को मौसम का मिजाज इसी तरह बने रहने की संभावना है। इस दौरान ग्वालियर, चंबल, भोपाल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
भोपाल मौसम केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में जम्मू के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
इस चक्रवात से लेकर अरब सागर तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इन तीन मौसम प्रणालियों के कारण आ रही नमी की वजह से मप्र में अलग-अलग स्थानों पर बादल बने हुए हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। मौजूद स्थिति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार नौतपा कम तपेगा और इस दौरान बारिश भी हो सकती है।