ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर: बुद्ध पूर्णिमा के दिन प्रकट हुए बाबा महादेव; दर्शन को बेताब श्रद्धालु

By SHUBHAM SHARMA

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ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की पुष्टि ने हर तरफ भक्तिरस बिखेर दिया है। तीसरे दिन का सर्वे पूरा होने और कोर्ट का आदेश सामने आने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिवलिंग वाले स्थान को सुरक्षित कर दिया जाए और वहाँ किसी को जाने की अनुमति न हो।

खास बात यह है कि आज ही के दिन मोदी जी पहली बार वाराणसी से सांसद चुने गए थे और आज ही के दिन भगवान विश्वनाथ ने कुएँ से बाहर निकलकर दर्शन दिए, यह बहुत बड़ा संयोग है।

योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है, “बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।” इस बीच, स्वदेसी माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू पर भी #gyanvapisurvey और #ज्ञानवापी_मंदिर ट्रेंड करने लगा है।

इसी बीच कई कू यूज़र्स ने बाबा की भक्तिरस में डूबे हुए अपने भाव व्यक्त किए हैं। पॉलिटिकल एनालिस्ट और कंसल्टेंट, अतुल मलिकराम कू करते हुए कहता हैं:

ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर?

ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे आज पूरा हो चुका है और वकील के मुताबिक कुएं के अंदर शिवलिंग मिला है, अब सब की निगाहें मंगलवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी है. हालांकि कुछ जानकार इसे अयोध्या 2.0 बता रहे हैं, और पूरे मामले को सरकारी तंत्र की साजिस का हिस्सा मानते हैं. #gyanvapievidence

ज्ञानवापी मंदिर: मुद्दा क्या है?

ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊँचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करीब 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने सन् 1664 में मंदिर को तुड़वा दिया। दावे में कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर उसकी भूमि पर किया गया है, जो कि अब ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।

ज्ञानवापी मंदिर: अभी क्या स्थिति है?

मौजूदा समय ज्ञानवापी मस्जिद में प्रशासन ने केवल कुछ ही लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दे रखी है। ये वो लोग हैं, जो हमेशा से यहाँ नमाज पढ़ते आए हैं। इन लोगों के अलावा यहाँ किसी को भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। वहीं, मस्जिद से सटे काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ पहले के मुकाबले अब कहीं ज्यादा आने लगी है।

ज्ञानवापी मंदिर: कमेटी में कौन-कौन है और सर्वे में क्या-क्या हुआ?

कमेटी में कोर्ट कमिश्नर एडवोकेट अजय कुमार मिश्र, विशाल कुमार सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर अजय सिंह शामिल हैं।
हिंदू और मुस्लिम पक्ष के पैरोकार भी इसमें शामिल हैं।
इसके अलावा पुरातत्व विज्ञान के विशेषज्ञ इस सर्वे टीम में शामिल हैं।
कमेटी ने सर्वे के दौरान पता लगाया कि क्या मौजूदा ढांचा किसी इमारत को तोड़कर या फिर इमारत में कुछ जोड़कर बनाया गया है? कमेटी ने इस बात का भी पता लगाया कि क्या विवादित स्थल पर मस्जिद के निर्माण से पहले वहां कोई हिंदू समुदाय से जुड़ा मंदिर कभी मौजूद था?
कमेटी ने इस पूरे कार्य की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई।

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ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के नीचे मिला शिवलिंग याचिकाकर्ताओं ने सिविल कोर्ट में साक्ष्य की सुरक्षा के लिए की अपील, याचिकाओं में मस्जिद को जिला प्रशासन द्वारा अपनी सुरक्षा में लेने की अपील की है। अपडेट : कोर्ट ने शिवलिंग प्राप्त हुए स्थान को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दिया। साथ ही आदेश में सील किये गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया। #gyanvapisurvey #ज्ञानवापी_मंदिर
Neha Gour (@gourneha2021) 16 May 2022
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तीन दिनों के सर्वे के बाद वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की पुष्टि ने धार्मिक लोगों में भक्तिरस घोल दिया है। बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर भोलेबाबा का इस तरह प्रकट होना देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश देता है। आज ही के दिन मोदी जी पहली बार वाराणसी से सांसद चुने गए थे और आज ही के दिन भगवान विश्वनाथ का कुएँ से बाहर निकलकर दर्शन देना एक बहुत बड़ा संयोग है। #gyanvapisurvey #ज्ञानवापी_मंदिर
Surbhi Chourasiya (@surbhi_chourasiya12I0J3) 16 May 2022
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हिंदू और #हिंदुत्व के खिलाफ वामपंथी इतिहासकारों ने शतरंज की ऐसी बिसात बिछाई थी। जिसे तोड़ पाना साधारण मनुष्य की बात नहीं थी। उन्होंने हर इतिहास को इस तरह तोड़ मरोड़ के लिखा कि हिंदू हिंदू का दुश्मन हो गया, मनुस्मृति के सच्चाईयों को छुपा अंग्रेजों द्वारा उसके गलत व्याख्या को आम जनता में प्रसारित कर जातिवाद की राजनीति में हजारों नरसंहार और जख्म दिया। आज जब इतिहास के पर्दे उठ रहे हैं तो कांग्रेसी चिंतन शिविर में है, वामपंथी और जिहादी अस्तित्वविहीन हो देश के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं दिया #GYANVAPISURVEYAbhiram mishra (@abhiram052) 16 May 2022
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तीन दिनों के सर्वे के बाद वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की पुष्टि ने धार्मिक लोगों में भक्तिरस घोल दिया है। बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर भोलेबाबा का इस तरह प्रकट होना देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश देता है। आज ही के दिन मोदी जी पहली बार वाराणसी से सांसद चुने गए थे और आज ही के दिन भगवान विश्वनाथ का कुएँ से बाहर निकलकर दर्शन देना एक बहुत बड़ा संयोग है। #gyanvapisurvey #ज्ञानवापी_मंदिरPawan Tripathi (@pawantripathiofficial) 16 May 2022

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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