सिवनी // कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सिवनी ने संपूर्ण सिवनी जिले को 2 जनवरी 2019 से लेकर 31 जुलाई 19 तक की अवधि के लिए जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है। जिले की औसत वर्षा 1384 .50 मिलीमीटर के विरुद्ध वर्ष 2018-19 में हुई 838.80 मिलीमीटर वर्षा को मद्देनजर रखते हुए दिए गए हैं। औसत से 545.70 मिलीमीटर कम वर्षा से जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रो में पेयजल स्रोत बंद होने की स्थिति में पहुंचने लगे हैं तथा भू जलस्तर प्रतिदिन कम होता जा रहा है ।
आगामी ग्रीष्म ऋतु में जिले के नागरिको की पेयजल एवं निस्तार की आवश्यकता को देखते हुए कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश के जल परिरक्षण अधिनियम 1986 यथा संशोधित 2002 की धारा 3 के अंतर्गत जिले को जल अभावग्रस्त घोषित किए जाने के परिणाम स्वरूप इस अवधि में बिना सक्षम अनुमति के कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्रोत यथा नदी,नालों, स्टॉप डेम,जलधारा ,सार्वजनिक झरिया तथा अन्य जल स्रोतों के जल का पेयजल के अतिरिक्त सिंचाई एवमं औद्योगिक प्रयोजन में उपयोग नहीं कर सकेगा। बिना अनुमति से व्यक्ति, संगठन तथा प्राधिकरण द्वारा किये जाने वाले नलकूप खनन में पूरी तरह पाबन्दी रहेगी साथ ही नदी, नालों, जलाशय के पानी के अन्य प्रयोजन उपयोग के लिए स्थापित मोटर पंप की विद्युत विच्छेदन का कार्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाएगा।
इसी तरह सिवनी शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था बनाए रखने के लिए भीमगढ़ डेम में पेयजल हेतु 50 एमसीएम लाइव स्टोरेज रखने के उपरांत ही सिंचाई के लिए जल नहरों के माध्यम से पानी दिया जाएगा । प्रतिबंधित अवधि में व्यक्ति, संगठन या प्राधिकरण को सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी की आवश्यकता के साथ नवीन नलकूप खनन अथवा गहरीकरण एवं नलकूप की साफ सफाई के लिए के लिए अपना आवेदन प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। जिसके लिए संबंधित क्षेत्रीय अनुविभागीय अधिकारी प्राधिकृत अधिकारी होंगें। इस आदेश का उल्लंघन करता पाया जाने वाले व्यक्ति , संगठन अथवा प्राधिकरण को 2 साल का कारावास अथवा 2 हजार जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा जाएगा।