जॉनी लीवर ने पीढ़ियों से हमारी अजीब हड्डियों को गुदगुदाया है। उनके नाम का उल्लेख हमारे चेहरे पर मुस्कान लाता है, उनके हास्य कृत्यों को तो छोड़ दें। लगभग 37 वर्षों से, 300 से अधिक बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के बाद, जॉनी लीवर हमारे बड़े होने के वर्षों का एक अविभाज्य हिस्सा बन गया है।
वह किसी भी हाई-टेंशन सीक्वेंस में राहत देने या खलनायक की मांद को कॉमेडी स्टेज में बदलने की ताकत रखते हैं। वह एक ऐसे आइकन हैं जो कई लोगों को प्रेरित करते रहते हैं।
जॉनी ने अपने अभिनय की शुरुआत 1984 में की थी। सहायक बनने से लेकर महत्वपूर्ण भूमिकाएँ हासिल करने तक, अभिनेता ने हिंदी फिल्मों में गहरा प्रभाव डाला। उनकी कॉमेडी शैली की सैकड़ों लोगों ने नकल की, और यहां तक कि कई स्टैंड-अप कॉमेडियन में भी इसका प्रतिबिंब मिलता है।
जैसा कि उस्ताद आज 64 वर्ष के हो गए हैं, हम कुछ फिल्मों पर एक नज़र डालते हैं, जो जॉनी लीवर और उनकी शानदार कॉमिक टाइमिंग के लिए न होती तो हमारी यादों में कभी नहीं जातीं।
Happy Birthday Johnny Lever
फिल्मों में अपने एक छोटे से किरदार से भी दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला देने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन और अभिनेता जॉनी लिवर का जन्म 14 अगस्त 1956 में आंध्रप्रदेश में हुआ था। जॉनी लीवर का असली नाम जॉन प्रकाश राव जानुमाला है। उनके पिता प्रकाश राव जानुमाला हिंदुस्तान लीवर में ऑपरेटर के पद पर काम किया करते थे। तीन बहन और दो भाई में जॉनी सबसे बड़े थे।
परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वह अपने स्कूल की फीस भरने में भी असमर्थ थे, जिसके वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।इस घटना के चंद दिनों बाद जॉनी लीवर हैदराबाद चले गए और वहां उन्होंने कॉमेडी सीखी।
बर्थडे स्पेशल 14 अगस्त: मिमिक्री करके पेन बेचा करते थे कॉमेडी के बादशाह जॉनी लिवर
इसके बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया और अपने परिवार के साथ मुंबई के किंग सर्किल धारावी में रहने लगे,जहां उन्हें पेट पालने के लिए छोटा -मोटा काम भी मिल गया । शुरुआती दिनों में जॉनी एक्टर्स की मिमिक्री कर के गली-गली में घूम कर पेन बेचा करते थे। उसके बाद उन्हें हिंदुस्तान लीवर जो की अब हिंदुस्तान यूनिलीवर है में काम मिल गया।
उनकी बंद किस्मत का ताला उस वक्त खुला जब उन्होंने हिंदुस्तान लीवर के एक कार्यक्रम में अपने सीनियर ऑफिसर्स की मिमिक्री की । उस प्रोग्राम में जॉनी ने अपने स्टैंड-अप कॉमेडी से प्रोग्राम में मौजूद सभी लोग हंस -हंस कर लोट -पोट हो गए और कोई भी जॉनी की तारीफ़ किये बगैर नहीं रह पाया । इस कार्यक्रम के बाद कंपनी के साथियों ने उनका नाम जॉनी लीवर रख दिया।
इसके बाद जॉनी लीवर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगे । साल 1981 में जॉनी लीवर ने हिंदुस्तान लीवर की नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से अपने काम पर ध्यान देने लगे। इसी दौरान अभिनेता व फिल्म निर्माता-निर्देशक सुनील दत्त की नजर जॉनी लीवर पर पड़ी।
सुनील दत्त ने जॉनी लीवर को अपनी आगामी फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में काम करने का ऑफर दिया। साल 1982 में रिलीज इस फिल्म से जॉनी लीवर की बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री हुई । लेकिन बॉलीवुड में उन्हें असली कामयाबी मिली साल 1993 में रिलीज हुई अब्बास मस्तान निर्देशित फिल्म ‘बाजीगर’ से।
इस फिल्म में जॉनी लीवर द्वारा निभाए गए बाबूलाल के किरदार से उन्होंने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद जॉनी कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आये जिसमें राज हिंदुस्तानी, जीत, जुदाई,कोयला,इश्क, एंटरटेनमेंट, गोल माल और गोल माल रिटर्न्स, धमाल और टोटल धमाल हॉउसफुल आदि शामिल हैं। जॉनी ने फिल्मों के अलावा कई पॉपुलर टीवी शोज भी किये,जिसमें ‘ज़बान संभाल के’, ‘कॉमेडी सर्कस’ और ‘जॉनी आला रे’ जैसे कुछ शोज़ आदि शामिल हैं ।
जॉनी लीवर की निजी जिंदगी की बात करें तो उनकी पत्नी का नाम सुजाता है और उनके दो बच्चे बेटी जैमी और बेटा जेस हैं। जॉनी लीवर की बेटी जैमी अपने पिता की तरह ही एक मशहूर कॉमेडियन है।