डेस्क।आईपी मिश्रा और जया मिश्रा के साथ 50 लाख की ठगी, मीडिया हाउस का एडिशनल डायरेक्टर बनाने का दिया था झांसा, 2 साल पहले आईजी से भी शिकायत की थी
छत्तीसगढ़ के भिलाई में श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन के चेयरमैन आईपी मिश्रा और उनकी बहू जया मिश्रा के साथ ठगी हो गई है। मीडिया हाउस में एडिशनल डायरेक्टर पद देने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया गया है। इस मामले में अब सुपेला पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरु कर दी है।
आईपी मिश्रा ने कहा कि, टीवी चैनल और मीडिया हाउस में हमारी बहू जया मिश्रा को एडिशनल डायरेक्टर पद देने के नाम पर रुपए लिए गए। हमें तो न ही चैनल दिखा और न ही बहू को पद मिला। हमने करीब 50 लाख रुपए दिए है। जिसे आरोपी सीएमडी सत्येन्द्र शुक्ला ने लौटाया नहीं है। आईजी से शिकायत किया था। अब मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है।
चैनल व मीडिया हाउस में एडिशनल डायरेक्टर बनाने का झांसा
दुर्ग के एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने बताया कि, आईजी दुर्ग रेंज को 2 मई 2019 को शिकायत की थी, कि बहू जया मिश्रा को बंधावी समाचार प्राइवेट लिमिटेड भोपाल के सीएमडी सत्येन्द्र शुक्ला द्वारा उपरोक्त कंपनी में रुपए लगाने और कई गुना पैसा मुनाफा कमाने का लालच देकर डायरेक्टर नियुक्त करने संबंधी पत्र देकर इससे कंपनी के इस्टैब्लिशमेंट और अन्य खर्चो के नाम पर किस्तों में चेक से साथ नगदी के माध्यम से करीब 50 लाख रूपए धोखा देकर ले लिया।
सत्येन्द्र शुक्ला ने एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त करने संबंधी जो लेटर दिया था। वह फर्जी बताया गया कि शिकायत आवेदन की जांच एसपी के कार्यालय में मिलने पर जांच CSP दुर्ग से कराया गया जो शिकायत आवेदन की जांच पर धोखाधड़ी का अपराध किया जाना पाया गया। आरोपी सत्येन्द्र शुक्ला (54 वर्ष) के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
चेयरमैन आईपी मिश्रा ने पुलिस को दी जानकारी
आईपी मिश्रा ने जानकारी दी, कि मेरी बहू जया मिश्रा को बंधावी समाचार प्राइवेट लिमिटेड प्रेस काम्प्लैक्स जोन-01 भोपाल (म.प्र.) के सी.एम.डी. सत्येन्द्र शुक्ला द्वारा फरवरी 2017 में अपनी उपरोक्त कंपनी में पैसा लगाने और कई गुना मुनाफा कराने का लालच दिया गया। और कंपनी का एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त करने संबंधी एक पत्र देकर उससे कंपनी के इस्टैब्लिशमेंट और अन्य खर्चो के नाम पर चेक व नगद के माध्यम से कुल 49 लाख 61 हजार 175 रुपए लिए। जिसमें 19 लाख 61 हजार 175 रुपए चेक से और बाकी नगद 30 लाख रुपए दिए थे। मेरे द्वारा कई बार प्रयास करने के बाद भी आज तक सत्येन्द्र शुक्ला ने हमारे रुपए वापस नहीं किए है।