BHILAI NEWS- गंदे पानी को लेकर बीएसपी प्रबंधन पर प्रशासन सख्त, पानी साफ नहीं देने पर लग सकता है महामारी एक्ट

By Ranjana Pandey

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भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन के खिलाफ अब प्रशासन सख्त हो सकता है। वजह है पिछले दो महीनों से गंदे पानी की सप्लाई। जिला प्रशासन ने भिलाई निगम से टाउनशिप के अलग-अलग हिस्सों से पेयजल की जांच कराई । 18 से 28 मई के बीच 36 जगहों पर यह जांच की गई । जिसके बाद पाया गया कि पानी में टर्बिडिटी (मटमैला पन) तय मानक से ज्यादा है। निगम के अधिकारियों ने पानी चेक करने के बाद कहा कि ये लगातार पीने योग्य नहीं है।


भिलाई निगम ने 18 से 28 मई तक टाउनशिप में सप्लाई हो रहे पानी का सैंपल लिया। इसमें सेक्टर-1 से लेकर सेक्टर-10 तक, रिसाली, रूआबांधा, हॉस्पिटल सेक्टर, मरोदा और हुडको के 36 स्थान शामिल हैं। सभी स्थानों के पानी टर्बिडिटी अधिक है। निगम के जल कार्य विभाग के अफसरों का कहना है कि पानी में टर्बिडिटी अधिक है। इसका मतलब है पानी में मिट्टी की मात्रा है। जंग भी हो सकती है। वैसे भी साफ पानी की टर्बिडिटी 1 से 5 एनटीयू तक हो सकती है। यदि पानी मटमैला है तो उसकी टर्बिडिटी 1 से कम होनी चाहिए। इससे अधिक है तो पानी अशुद्ध है। कुछ स्थानों पर क्लोरिन की मात्रा अधिक है।


पानी की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी को आदेशित किया है कि वह तत्काल टाउनशिप में टैंकर्स से पानी की सप्लाई शुरू कराए। सभी टंकियों की सफाई करे। 60 साल से अधिक पुराने फिल्टर प्लांट को अपग्रेड कर उसका मेंटेनेंस करवाए। कलेक्टर ने अपने आदेश में यह भी कहा कि बीएसपी ने जिस नाल्को कंपनी को पानी की सफाई के लिए रखा है, उसे हटाए और तय मानकों के अनुरूप दूसरी कंपनी से पानी को साफ करने की जिम्मेदारी दे।


इतना ही नहीं भिलाई निगम के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने भी बीएसपी को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि सप्लाई होने वाला पानी अशुद्ध है। इसकी टर्बिडिटी अधिक है। पानी का रंग मटमैला है। इसे तत्काल सुधारें नहीं तो महामारी एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 प्रदत्त शक्तियों के तहत बीएसपी पर कार्रवाई की जाएगी। इधर बीएसपी ने कहा कि पानी शुद्ध है, पानी जरूर मटमैलापन लिए हुए हैं, जिसके सुधार के लिए प्रयास अब भी जारी है।


भिलाई निगम के आयुक्त ने जारी पत्र में कहा कि दूषित पेयजल को तत्काल सुधारें। दूषित पीने का पानी देकर बीएसपी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। निगम के फिल्टर प्लांट में सेक्टर 1 से 10 तक व हॉस्पिटल सेक्टर, रिसाली सेक्टर, रूआबांधा सेक्टर, मरोदा सेक्टर में पानी की जांच की गई।



पानी का मसला सामने आने पर बीएसपी ने दावा किया था कि टाउनशिप में दिया जा रहा पानी शुद्ध है। इसकी जांच भिलाई नगर निगम के 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में कराई गई है। वहां पानी सारे पैरामीटर में सही पाया गया है। बस उसका रंग भर मटमैला है। यह मटमैला रंग तांदुला जलाशय से आ रहे रॉ वाटर की वजह से है।

Ranjana Pandey

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