सिवनी: अस्पताल परिसर में जमीन पर लेटा रहा बुजुर्ग मरीज, खंभे से बंधा था Oxygen सिलेंडर

By SHUBHAM SHARMA

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सिवनी : मन विचलित कर देने वाली ये खबर मध्य प्रदेश के सिवनी के सरकारी अस्पताल से आई है, जिला अस्पताल में एक मरीज़ अस्पताल के बाहर (अस्पताल परिसर) की जमीन पर लेटा हुआ है. आपको इन फोटो में मरीज के साथ एक खंभा और खंभे में लगा ऑक्सीजन सिलेंडर दिखाई दे रहा होगा और उस मरीज को उसी सिलेंडर से उसे ऑक्सीजन मिल रही है, मरीज के साथ बैठी महिला मरीज की रिश्तेदार है

मरीज के साथ बैठी रिश्तेदार महिला ने बताया कि वो बुधवार शाम से इसी तरह ऑक्सीजन लगाकर अस्पताल के बाहर बैठे हुए हैं और उन्हें आज दोपहर तक किसी प्रकार का कोई इलाज नहीं मिल पाया.

हालाँकि जैसे ही मीडिया में यह खबर आई वैसे ही आनन-फानन में स्ट्रेचर लाकर मरीज को अस्पताल के अंदर भर्ती कराया गया है, मरीज को लगभग 18 घंटे तक जमीन पर ही ऑक्सीजन के साथ लेटना पड़ा जहां उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था.

हालाँकि जब इस पूरे मामले के बाद अस्पताल प्रशासन से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तब सीएमएचओ ने फोन पर बताया कि वो खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं तो सिविल सर्जन ही इस बारे में बता पाएंगे, हालाँकि सिविल सर्जन ने लगातार कॉल करने के बाद भी फ़ोन उठाना उचित नहीं समझा

सिवनी अब शव-नी बन गया…

दो तस्वीरें हैं आपके सामने.। एक कल की । हमारे सांसद जी का ट्वीट है जिसमें वो कह रहे हैं कि उन्होने लोगों के अंतिम संस्कार के लिए पर्यात इंतजाम कर दिए हैं। लोगों में सब्र नहीं है नहीं तो वे मुसलमानों और दूसरे लोगों जिसमें शवों को जमीन में दफनाया जाता है उसके लिए जमीन के इंतजाम की बात भी करते.। दूसरी तस्वीर आज की है। जिला अस्पताल के पीछे वाले गेट से जाओ तो सामने परिसर में एक ऑक्सीजन सिलेंडर खंबे में बंधा दिखेगा। जिसके पास एक बीमार और एक तीमारदार है। पोर्टल और जनप्रतिनिधि कह रहे हैं कि हमारे पास पर्याप्त बैड हैं.. पर्याप्त सुविधाएं हैं। ऑक्सीजन की फिलहाल कमी नहीं है। जबलपुर से रोज आ रही है। हम देख रहे हैं मौन। खामोश।

खैर कियो ने तो मेडिकल के लिए टेंडर निकलवा दिया। अरे तुम आंकड़े देने लगे कि जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी के 32 स्वीकृत पद हैं और मौजूद हैं मात्र छह। 26 पद खाली हैं। नर्सिंग स्टाफ 225 हैं और पदस्थ हैं 200। द्वितीय श्रेणी के 23 में से सात पद खाली हैं। ट्रामा सेंटर में एक भी नहीं हैं। दूसरे पदों की भी यही स्थिति है। हम बात सिर्फ जिला अस्पताल की कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों के हाल तो और बदहाल हैं। लेकिन बोलना मत क्योंकि हमारे मेडिकल का टेंडर लग गया है।

हमने कई बार कहा कई बार लिखा विभिन्न मंचों में कि जिला अस्पताल और बाकी स्थानों पर पद पूरे भर दो तो शायद मेडिकल की जरूरत ही न पड़े लेकिन नहीं। रैफर सेंटर बन कर रह गया था जिला अस्पताल। जो डॉक्टर हैं उन्होंने अपनी अपनी दुकानें खोल रखी हैं। अस्पताल तो सिर्फ तफरी करने आते हैं लेकिन बोलना मना है नहीं तो तुम कांग्रेसी हो, सिवनी का भला नहीं चाहते।

हमने जिला अस्पताल को उसी तरह से रैफर सेंटर बना रखा था जैसे बबरिया जैसे जलाशयों के होते हम वैनगंगा पर निर्भर हैं। नागपुर आज खुद परेशान। ठीक वैसे ही जैसे वैनगंगा को पेंच नदीं का पानी मि ल रहा है। खैर बोलना मना है। भैया विज्ञापन नहीं देंगे। भैया की शिवराज से अच्छी है। जिला अस्पताल में चिकित्सक लाना है तो यह केंद्र का मामला है। केंद्र में कमलनाथ की सरकार है। तो फिर ऐसी तस्वीरें तो दिखनी ही है।

एक कलेक्टर ने कायाकल्प अभियान शुरु किया तो थोड़ी इज्जत बच गई

हमने उस समय भी स्टाफ के लिए कहा लेकिन नहीं केंद्र का मामला। तुम अच्छा काम नहीं देख सकते। तुम क्या बताओगे। फाइव स्टार बन गया है हमारा अस्पताल। घूमो अस्पताल में और लो सैल्फी। पहला ईनाम मिला देश में गौरव का पल। करो गौरव। ताली बजाओ।

खैर वो कुछ कर तो रहा था। लेकिन हमें फोरलेन बनाने के लिए छह माह के लिए सड़क बंद करनी थी नागपुर की। इसलिए नया कलेक्टर ले आए। नए कलेक्टर भैया लाए हैं। अपना है। खबर आती है कलेक्टर ने फलाने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समझाइश दी। पीआरओ के अनुसार। जब सब सही मिल रहा है। जिले में राम राज है तो सिवनी शव-नी क्यों बन रहा है। क्यों

जिला अस्पताल की ये तस्वीर साहब को नहीं दिखती। मौत कितनी हो रही हैं आंकड़े क्यों नहीं दिए जा रहे। मात्र एक दर्जन मौतें क्यों। फिर ये चिताएं किसकी जल रही हैं। किसके लिए सांसद महोदय लकड़ी का इंतजाम कर रहे हैं. चलो माना कि कोविड से मात्र 12 ही मरे हैं।

सरकारी आंकड़े मान लिए तो भी बताओ तो कि अब तक कितने लोग दूसरी बीमारियों से मरे। हर रोज जो मर रहे हैं उनके बारे में बताओ। बताओ कि अस्पताल में घंटों तक पड़े शव कितने हैं। किस बीमारी से मरे हैं. । बताओ कि नीम हकीमों के कारण कितनी मौतें हो रही हैं. बताओ कि कितने नीम हकीमों पर कार्रवाई की। बताओ कि औचक निरीक्षण में सब सही है तो फिर ये अफरा तफरी क्यों। क्यों। लेकिन पूछना मत क्योंकि मेडिकल बन रहा है। टेंडर निकल गया है अंगुली मत करो नहीं तो कमलनाथ ये भी ले लेगा।

हम भी उसी मानसिकता में ढल गए हैं कि सवाल पूछो तो नेहरू दोषी। सिवनी का पूछो तो कहेंगे लखनादौन का तो नहीं पूछते वहां तुम्हारी कलम की स्याही सूख जाती है। बरघाट का पूछो तो केवलारी का हवाला। देखते जाओ। एक दो दिन ये तस्वीरें चर्चा में रहेंगी। सनसनी बनेंगी।

फिर कोई नई तस्वीर आ जाएगी पहली से भी ज्यादा दर्दनाक, ज्यादा खौफनाक और फिर हम भूल जाएंगे इस वक्त को। इस हालात को बनती रहेगी श्रीवनी पहले सिवनी और फिर शव नी। लकड़ी का इंतजाम तो दादा ने कर ही दिया है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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