Home » देश » दिल्ली HC का अहम आदेश, बंद कार में अकेले हों तो भी मास्क लगाना जरूरी

दिल्ली HC का अहम आदेश, बंद कार में अकेले हों तो भी मास्क लगाना जरूरी

By Khabar Satta

Updated on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका का निपटारा करते हुए कहा है कि बंद कार में अकेले हों तो भी मास्क लगाना जरूरी है। इस आदेश के बाद कार में अंदर बैठे इकलौते शख्स को भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा। HC ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अकेले ड्राइविंग कर रहा है तो भी मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि मास्क एक ‘सुरक्षा कवच’ के रूप में कार्य करता है जो कोरोना वायरस के प्रसार को रोकता है। कुल चार याचिकाएं मास्क को लेकर दायर की गई थीं, जिनका निपटारा कर दिया गया है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा है कि मास्क पहनने को अहं का मुद्दा नहीं होना चाहिए। कोर्ट के मुताबिक, यह कोविड-19 संक्रमण से स्वयं और दूसरों के बचाव का तरीका है। दरअसल, हाई कोर्ट ने यह बात एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें अकेले निजी कार चलाते हुए मास्क नहीं पहनने पर हुए चालान को चुनौती दी गई थी।

वहीं, कुछ महीने पहले   केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि हमारी तरफ से ऐसी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं की गई है। यानी कि अगर कोई शख्स कार में अकेले सफर कर रहा है तो उसके लिए मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। बता दें कि दिल्ली में अकेले गाड़ी में ड्राइविंग करते वक्त मास्क ना लगाने पर लोगों का 2000 रुपये का चालान काटा जाता है।। इससे पहले चालान की राशि 500 रुपये रखी गई थी।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों द्वारा मास्क नहीं पहनने की खतरनाक स्थिति का संज्ञान लेते हुए विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश दिया था कि सभी घरेलू एयरपोर्ट पर मास्क लगाने के दिशानिर्देशों का सख्ती पालन सुनिश्चित कराएं। न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए। पीठ ने यह भी कहा था कि सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के तहत ही मुंह और नाक को कवर करते हुए ही मास्क लगाना सुनिश्चित कराया जाए। आदेश में कहा गया था था कि इन-फ्लाइट क्रू सदस्य समय-समय पर विमान के अंदर जांच करें कि मास्क लगाने का यात्री पालन कर रहे हैं और अगर कोई उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कोर्ट का मानना था कि विमान के अंदर यात्री एसी के पास बैठते हैं और अगर कोई एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित है तो वह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इतना ही नहीं अगर कोई बिना लक्षण वाला व्यक्ति विमान है और वह बात करता है तो वह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook