सैमसंग इलेक्‍ट्रॉनिक को. के वाइस चेयरमैन को रिश्‍वत देने के आरोप में मिली सजा भेजे गए जेल

By Khabar Satta

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

सिओल। दक्षिण कोरिया की सिओल स्थित कोर्ट ने सोमवार को सैमसंग इलेक्‍ट्रॉनिक को. के वाइस चेयरमैन ली जे यॉन्‍ग को ढाई साल की सजा सुनाई है। ये सजा उन्‍हें रिश्‍वत देने आरोप का दोषी मानते हुए सुनाई गई है। इस मामले में सैमसंग के पूर्व अध्‍यक्ष पार्क जियुन हे भी शामिल हैं। कोर्ट ने दोनों को ही जेल भेजने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने उनके लंबे समय से दोस्‍त रहे चोई सून सिल को भी जेल भेजने को आदेश दिया है। पार्क को इन आरोपों के सामने आने के बाद एक महाभियोग के तहत पद से हटाया गया था। कोर्ट ने माना कि चोई ने सरकार के सहयोग और कंपनी के सत्ता हस्‍तांतरण के लिए इस अपराध में इनका सहयोग दिया।

सिओल हाईकोर्ट ने जब ये फैसला सुनाया तो ली कोर्ट में मौजूद थे। उन्‍हें कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। आपको बता दें कि वो तीन वर्षों से जेल से बाहर थे, क्‍योंकि उनकी सजा पर रोक लगा दी गई थी। 52 वर्षीय ली पर सबसे पहले फरवरी 2017 में आरोप दायर किए गए थे। उनके ऊपर 29.8 बि‍लियन वॉन (27.4 मिलियन डॉलर) की रिश्‍वत देने का आरोप था। वर्ष 2017 में उन्‍हें पांच वर्षों की सजा सुनाई गई थी, लेकिन ऊपरी अदालत में अपील के बाद उनकी ढाई वर्ष की सजा पर रोक लगा दी गई थी।

माना जा रहा है कि अदालत के इस फैसले का कंपनी पर व्‍यापक असर देखने को मिल सकता है। इस फैसले के बाद ली अब कंपनी की आगामी बैठकों में न तो हिस्‍सा ले सकेंगे और न ही कंपनी के किसी फैसले में उनकी राय शामिल होगी। इसके अलावा वो अब कंपनी में उत्तराधिकार की प्रक्रिया को भी नहीं देख सकेंगे। आपको बता दें कि ली के पिता का अक्‍टूबर में निधन हो गया था।

दक्षिण कोरिया के कानून के मुताबिक किसी की सजा को तीन या इससे कम की सजा को कुछ समय के लिए लंबित किया जासकता है। लेकिन यदि इससे लंबी सजा होती है तो दोषी को जेल जाना ही होता है। वह पहले ही इसके चलते करीब एक वर्ष जेल की सजा काट चुके हैं। उनको मिली सजा पर कानून के जानकारों की राय है कि ली के पास अब कोई विकल्‍प नहीं बचा है क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है। रिश्वत के मामले में कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति पार्क गियून-हाय को मिली 20 वर्ष की सजा को बरकरार रखा है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि पूर्व राष्‍ट्रपति को मौजूदा राष्‍ट्रपति माफी देने का अधिकार रखते हैं। लेकिन जब राष्‍ट्रपति मून से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्‍होंने साफ कर दिया कि ये वक्‍त इस बारे में बात करने या   विचार करने का नहीं है। हालांकि उन्‍होंने ये जरूर कहा कि पूर्व राष्‍ट्रपति को सजा मिलना काफी दुर्भाग्‍यपूर्ण है।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment