सिवनी-पाकिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद जितेन्द्र अर्जुनवार बाघा बार्डर पार कर भारत पहुंच चुका है। इससे पहले पाकिस्तान की जेल में पांच साल से बंद जितेन्द्र अर्जुनवार की रिहाई होने की खबर मिलने के बाद जितेन्द्र का भाई भरत बरघाट थाना के एएसआई राजेश सरेठा के साथ रवाना हो गए था। बुधवार सुबह एएसआई के साथ भरत अर्जुनवार को एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अमृतसर स्थित बाघा बार्डर के लिए रवाना किया।
हॉस्पिटल में होगी जांच –
एएसपी गोपाल खांडेल ने बताया है कि बरघाट के जितेन्द्र अर्जुनवार की रिहाई बुधवार शाम होने की खबर थी। अचानक मिली इस खबर के बाद जितेन्द्र के भाई भरत को बरघाट थाना के एएसआई राजेश सरेठा के साथ बाघा बार्डर के लिए रवाना कर दिया गया था। पाकिस्तान से जितेन्द्र ने अमृतसर की बाघा बार्डर से प्रवेश किया। यहां उसे बीएसएफ के हवाले किया गया। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले करने के बाद जितेन्द्र को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। यहां इसकी जांच की जाएगी। बीमार होने की स्थिति में जितेन्द्र का इलाज कराया जाएगा।
लग सकता है समय –
एएसपी ने बताया है कि पाकिस्तान से रिहाई होने के बाद स्वदेश आ रहे जितेन्द्र को बरघाट तक लाने में समय लग सकता है। एएसआई सराठे और भरत गुस्र्वार रात को बाघा बार्डर (अमृतसर ) पहुंचे। यहां जितेन्द्र का स्वास्थ्य ठीक रहा तो ये उसे लेकर जल्द ही बरघाट के लिए रवाना हो जाएंगे। यदि स्वास्थ्य खराब रहा तो पूरा इलाज और स्वस्थ्य होने के बाद ही जितेन्द्र को अमृतसर से बरघाट तक लाने की कार्रवाई की जाएगी।
5 साल पहले पाक की सीमा में चला गया था –
पांच साल पहले बरघाट निवासी जितेन्द्र अर्जुनवार (20) भटककर पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। इसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़कर सिंध की हैदराबाद सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था। यहां एक साल की सजा पूरी करने के बाद जितेन्द्र को 2014 में रिहा हो जाना था लेकिन जितेन्द्र की भारतीय होने की पुष्टि नहीं होने के कारण उसे चार साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ा