MP JOB PORTAL : मध्य प्रदेश में बनेगा एकीकृत जॉब पोर्टल: सीएम शिवराज सिंह चौहान

SHUBHAM SHARMA
By
SHUBHAM SHARMA
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
13 Min Read

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस दिशा में प्रयास किए जाएं कि हर रोजगार चाहने वाले व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिले और रोजगार चाहने वाले इतने सक्षम बन जाएं कि एक दिन स्वयं रोजगार देने की स्थिति में आ जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में एकीकृत जॉब पोर्टल तैयार किया जाएगा। इसका लाभ जरूरतमंदों को दिलाया जायेगा। इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उनके हुनर अनुसार रोजगार दिलवाना आसान होगा।

मध्यप्रदेश में जब कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से स्किल मेपिंग की गई तो अनेक हुनरमंद सामने आए। इनकी संख्या सात लाख से अधिक थी। इनको रोजगार उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया। अन्य प्रांतों से अपना स्थायी काम धंधा छोड़कर प्रदेश लौटे करीब चालीस हजार लोगों को तुरंत रोजगार मिल गया।

इसी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए नवीन पोर्टल के निर्माण का विचार सामने आया है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई क्षेत्र तक प्रतिभा को अवसर देकर आगे बढ़ाया जाएगा। उन्हें हताश नहीं होने दिया जाएगा। आर्थिक रूप से ग्रामों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास किये जायेंगे।

सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए वेबिनार का आयोजन महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपने भाग्य को स्वयं निर्मित करना। मध्यप्रदेश ने कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया है। झारखंड जैसे राज्य मध्यप्रदेश से प्रेरणा ले सकते हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि देश की नई उद्योग नीति का निर्माण हो रहा है। इसमें खाद्य प्रस्संकरण उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में अच्छे परिणाम ला सकता है।

केन्द्रीय मंत्री श्री सिन्हा ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में विभिन्न प्रतिष्ठानों को सक्षम बनाने, स्टार्टअप गतिविधियों के विकास, पर्यावरण हितैषी स्थाई विकास के प्रयास प्रगति की तरफ ले जाने में सहायक हैं। मध्यप्रदेश की स्थिति ऐसी है जो आत्मनिर्भरता में सफलता प्राप्त करने की दृष्टि से काफी अनुकूल है। उनका अनुभव है कि राज्य की वित्तीय सेहत भी अन्य राज्यों से बेहतर है।

श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा मध्यप्रदेश के विकास के ठोस प्रयास पूर्व में भी किए गए हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश वेबिनार में ‘अर्थव्यवस्था व रोजगार’ विषय पर सत्र को संबोधित कर रहे थे।

श्री सिन्हा के सुझावों पर करेंगे अमल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से देशभर के आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिकारियों, नीति निर्माताओं, प्रमुख जनप्रतिनिधियों की सहभागिता वाले चार दिवसीय वेबिनार के चौथे और समापन दिवस पर अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के एक दिवसीय सत्र में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सिन्हा द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज हो रहे विचार-विमर्श का विशेष महत्व है क्योंकि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था का पहिया न रूके, इसके लिए बहुआयामी मंथन से ही समाधान निकलेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वेबिनार में अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के चर्चा सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सुखी जीवन का आकांक्षी होता है। इसके लिए दो बातें बहुत आवश्यक हैं। एक व्यक्ति सुखी कैसे रहे, दूसरा व्यक्ति कभी मरे नहीं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दूसरी बात तो संभव नहीं है, लेकिन सुखी जीवन के लिए रोटी कपड़ा, मकान, रोजगार की आवश्यकता होती है। शरीर के साथ मन, बुद्धि और आत्मा का सुख व्यक्ति चाहता है।

उद्योग क्षेत्र में प्रयास बढ़ायेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने के प्रयास किया जाएं। बड़े उद्योग भी आएं, पूर्व में ऐसे प्रयास किए गए हैं। इनमें सफलता भी प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी आत्मनिर्भर भारत के लिए जो प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में मध्यप्रदेश तेजी से कार्य करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत कार्यकाल में प्रारंभ की गई युवा उद्यमी योजना में उद्योग लगाने वाले नौजवानों को दो करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी और 15 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया।

इस योजना को नये सिरे से क्रियान्वित करने के प्रयास होंगे। लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के विकास की चिंता प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी की है। ऐसे उद्योगों को लगाने वाले उद्यमियों को पूंजी की उपलब्धता के लिए परेशान ना होना पड़े इसके साथ ही उनका कार्य सुचारु रुप से चले, इसमें अधिकतम सहयोग किस तरह दिया जा सकता है, इसके प्रयास किए जाने चाहिए। प्रदेश में कोरोना काल में श्रम कानूनों में सुधार से श्रमिक हित के साथ ही बेहतर उद्योग संचालन की व्यवस्था भी की गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में सबसे बड़ी दिक्कत अर्थव्यवस्था पर यह आई कि जो राजस्व प्राप्तियां होती हैं, उनमें भी कमी आई। इसके बावजूद सभी संभव प्रयास किए गए। लोगों की आजीविका कैसे सुरक्षित रहे, यह सबसे बड़ी चिंता थी। स्ट्रीट वेंडर्स जैसी योजना ने काफी सहारा दिया। मध्यप्रदेश में रोजगार चाहने वालों को रोजगार की सुरक्षा के साथ ही हाथ में कुछ नगद राशि रहे, यह भी प्रयास किया गया।

विभिन्न हितग्राहियों को ऑनलाइन राशि का भुगतान भी किया गया। मध्यप्रदेश में कारोबार के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को लघु व्यवसाय प्रारंभ करने में कैसे मदद मिले, स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई तक टैलेंट हताश न हों, यह प्रयास होना चाहिए।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भरता के संकल्प को सब मिलकर पूरा करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की न सिर्फ चिंता की है बल्कि इस दिशा में ठोस प्रयास भी किए हैं। मजबूत अर्थव्यवस्था ही प्रगति के वाहन में ईंधन का कार्य करती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर लांच कर आत्मनिर्भरता का जो मार्ग सुझाया है, उस पर हम सभी को चलना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वेंडर्स योजना का शहरी क्षेत्र में क्रियान्वयन करते हुए मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के लिए पथ विक्रेता कल्याण योजना की पहल की गई।

इस योजना में बिना ब्याज के 10 हजार रुपये का ऋण मिलने से ग्रामों में फल विक्रेता, चाय की गुमठी लगाने वाले, मोची, सुथार, लोहार, बंसोड़ और इसी तरह के लघु व्यवसाय करने वाले अपने व्यवसाय का उन्नयन कर सकेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जिस तरह मनरेगा से कोरोना काल में जरूरतमंदों के लिए आय का साधन जुटाने का रास्ता निकाला, उसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी की उपलब्धता के लिए प्रयास होंगे।

कृषि क्षेत्र में होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन से अर्थव्यवस्था का सुधार होता है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कृषि का विशेष योगदान है। मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से निकालकर इस योग्य बनाया गया कि कई वर्ष विकास दर बीस प्रतिशत तक रही। करीब 42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकी।

बंपर कृषि उत्पादन की उपलब्धि मध्यप्रदेश ने हासिल की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि अधोसंरचना को मजबूत बनाने और वेल्यू एडिशन के प्रयासों से किसानों को सीधा लाभ मिला है। मंडी अधिनियम में संशोधन से किसानों को वन नेशन-वन मार्केट की सुविधा मिली। इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे।

महिला स्व-सहायता समूहों की ताकत और स्थानीय उत्पादों को महत्व

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों ने बेहतर कार्य किया है। इन समूहों की ताकत यह है कि इसकी सदस्य मिलकर कार्य करती हैं। मध्यप्रदेश में पीपीई किट यूनिफार्म और मॉस्क तैयार करने में यह समूह जुट गए। यही नहीं पोषण आहार बनाने का कार्य भी महिला समूह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश के एक महिला स्व-सहायता समूह ने मुर्गी पालन के माध्यम से तीन सौ करोड़ रुपये के वार्षिक टर्नओवर की उपलब्धि हासिल की।

ऐसे समूहों को मार्केटिंग और पैकेजिंग के साथ ही बैकिंग सुविधाएं प्रदान कर हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। विशेषज्ञों द्वारा इस दिशा में ठोस सुझाव दिए जाने चाहिए ताकि प्रधानमंत्री श्री मोदी के लोकल को वोकल बनाने का संकल्प भी पूरा किया जा सके। मध्यप्रदेश में निमाड़ अंचल में मिर्च, मूंग और कपास, चंबल अंचल में सरसों और गजक, शाजापुर-आगर मालवा, मंदसौर और बैतूल के संतरा उत्पादन, बुरहानपुर में केला उत्पादन, मंदसौर और नीमच में लहसुन उत्पादन की विशेषताएं हैं।

इनका विशेष ब्रांड बनाने से लेकर लघु औद्योगिक इकाईयों की शुरुआत का विचार साकार किया जा सकता है। चंदेरी, महेश्वर और धार के बाग प्रिंट और वस्त्र निर्माण की खूबियों को दुनिया तक पहुँचाया जाए।

कौशल विकास के प्रयासों से जीवन की दिशा बदलेगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी स्किल डेवलपमेंट मिशन के माध्यम से युवाओं के कौशल को निखारना चाहते हैं। मध्यप्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क विकसित करने से विभिन्न तरह के कौशल में युवाओं को दक्ष करना आसान हो जाएगा। नई शिक्षा नीति में भी कक्षा छठवीं से वोकेशनल एजुकेशन के प्रावधान से आने वाले वर्षों में व्यापक स्तर पर बच्चों में कौशल का विकास हो सकेगा, जिससे उनके जीवन की दिशा बदल जायेगी। देश-विदेश के बाजारों तक भारत के हुनर की बात पहुँचेगी। मध्यप्रदेश में इस उद्देश्य से स्किल मेपिंग का कार्य निरंतर जारी रहेगा।

नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चन्द्र टांक ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिये प्राथमिकताएं तय की जाएं। वर्तमान परिस्थिति में अर्थव्यवस्था व रोजगार पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ कृषि व संबंधित क्षेत्रों जैसे फ्रूट एण्ड वेजिटेवल के भण्डारण, संरक्षण, प्रोसेसिंग, पोस्ट हार्वेस्ट इंडस्ट्री में भी रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सकते है। कृषि क्षेत्र में फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिये प्रयास किये जाएं।

उन्होंने सुझाव दिया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिये यह जरूरी है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समान विकास हो ताकि क्षेत्रीय असमानता व असंतुलन जैसी स्थिति न हो। प्रो. टांक ने कहा कि ट्रायबल इकोनॉमी व आदिवासियों द्वारा निर्मित की जाने वाली परंपरागत वस्तुओं की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने मॉडर्न लैंडलीज लॉ में विस्तार करने का भी सुझाव दिया। टीमलीडर अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा ने वेबिनार के उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने वेबिनार में आयोजित होने वाले सत्रों के बारे में भी जानकारी दी।

Share This Article
Follow:
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.