भोपाल: सीएम शिवराज और मंत्रियों के साथ हुई वेबिनार की बैठक में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए पांच मूल मंत्र निकलकर सामने आए हैं. यह फैसला वेबिनार में विषय विशेषज्ञों की सुझाव पर लिया गया है. आत्मनिर्भर मप्र के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 3 वर्ष का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए मंत्री समूह 25 अगस्त तक अपना ड्रॉफ्ट सौंपेंगे. इस डॉफ्ट को नीति आयोग 31 अगस्त तक फाइनल करेगा, जिसके बाद इसे पूरे प्रदेश में 1 सितंबर से लागू कर दिया जाएगा.
इन पांच मूल मंत्रों पर किया गया विचार
1-सबके लिए पढ़ाई और कमाई
राज्य में शिक्षा पर जोर देने के साथ-साथ सबकों रोजगार दिलाने पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए छात्रों को स्किल आधारित शिक्षा दी जाएगी.
2-एक जिला एक पहचान
एक जिला एक पहचान के तहत जिलों की पहचान की जाएगी. इसके लिए वोकल फॉर लोकल की दर्ज पर काम किया जाएगा और वहां के उत्पादों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई जाएगी. साथ ही हर जिले की खूबी को दुनिया तक पहुंचाया जाएगा.
3-जॉब पोर्टल शुरू होगा
प्रदेश को युवाओं को उनके स्किल के हिसाब से नौकरी मिल सके, इसके लिए लिए जॉब पोर्टल की शुरुआत की जाएगी. जहां युवा अपनी एलिजिबिलिटी के हिसाब से नौकरी ढूढ़ सकेंगे.
4-सीएसआर और युवा उद्यमी योजना की होगी शुरुआत
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके, इसके लिए युवा उद्यमी योजना की शुरुआत की जाएगी.
5-लोकल फॉर वोकल
लोकल को वोकल बनाने का संकल्प पूरा किया जाएगा. प्रदेश के लोकल उत्पादों को ब्रांड बनाया जाएगा. इसके तहत एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.
मंत्रियों के चार समूह, जिनका नेतृत्व करेंगे सीनियर मंत्री
भौतिक अधोसंरचना समूह में गोपाल भार्गव और अन्य मंत्री होंगे. इसकी समन्वयक अधिकारी आईसीपी केशरी रहेंगे.
सुशासन समूह में नरोत्तम मिश्रा और अन्य मंत्री होंगे, इसके समन्वयक अधिकारी एसएन मिश्रा रहेंगे.
शिक्षा, स्वास्थ्य समूह में विश्वास सारंग सहित कई मंत्री होंगे. इसके समन्वयक अधिकारी मोहम्मद सुलेमान रहेंगे.
अर्थव्यवस्था, रोजगार समूह में जगदीश देवड़ा और अन्य मंत्री होंगे. इसके समन्वयक अधिकारी राजेश राजौरा रहेंगे.