कोरोना : इंदौर सब कुछ बंद का फैसला, कुछ भी नहीं मिलेगा ना होगी होम डिलीवरी

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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देश का सबसे सख्त लॉकडाउन इंदौर में / कोरोना के अब तक 24 मामले आने के बाद फैसला, आज से 1 अप्रैल तक सब कुछ बंद

  • किराना समेत खाने की चीजों की सभी दुकानें बंद, सामानों की होम डिलीवरी भी नहीं होगी
  • दूध नहीं आएगा, चुनिंदा मेडिकल स्टोर खुलेंगे, सब्जी मंडियां भी बंद रहेंगी
  • चुनिंदा पेट्रोल पंप खुलेंगे, वे सिर्फ सरकारी वाहनों को डीजल-पेट्रोल उपलब्ध कराएंगे

इंदौर. देश भर में कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। इसके बावजूद देश के अधिकांश इलाकों में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। नतीजा संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर में संक्रमितों की संख्या अब 24 हो चुकी है। हालांकि, केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर लगातार इस पर लगाम कसने की कोशिशों में जुटी हैं। मगर हर प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है। एकाएक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडराने लगा है। शायद, यही वजह है कि आज मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में देश का सबसे सख्त लॉकडाउन रहेगा। वह इसलिए, क्योंकि अगले दिन यहां दूध-सब्जी समेत कोई भी जरूरी सामान नहीं मिलेगा। 

सख्ती के बाद इंदौर के हालात

चौराहों पर लॉकडाउन और भारतबंद लिखा
इंदौर में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने शहर की सीमाओं के आसपास और चौराहों पर लिखा- लॉकडाउन और भारत बंद। शहर में 24 घंटे खुले रहने वाले पेट्रोल पंप बंद हैं। सिर्फ 7 पेट्रोल पंप खुले हैं, जो इमरजेंसी सेवाओं- एंबुलेंस, टैंकर, सरकारी वाहन को डीजल, पेट्रोल दे रहे हैं। पुलिस ने सुबह 7 बजे के बाद हर चौराहे पर नाकेबंदी कर दी है। हर आने-जाने वाले को समझाइश दी जा रही है। पुलिस का कहना था कि थोड़ी देर समझाएंगे, नहीं मानते हैं तो केस दर्ज करेंगे।

सुबह 5 बजे से दूध डेयरियों के बाहर भीड़, निराश लौटे लोग
सोमवार सुबह 5 बजे से शहर की डेयरी के बाहर लोग पहुंचना शुरू हो गए। यहां चौराहों पर भी आज दूध बांटने आने वालीं गाड़ियां नहीं आईं। लोगों को पता नहीं था कि आज से दूध की सप्लाई बंद है। इनका कहना था कि अगर दूध नहीं मिलेगा तो घर में छोटे बच्चों का क्या होगा। वे भूखे ही रहेंगे। प्रशासन सुरक्षा के अच्छे कदम उठा रहा है, लेकिन सुविधाओं का भी ख्याल रखें।

सिक्योरिटी गार्ड 10-15 किमी पैदल चलकर नौकरी करने आ-जा रहे
शहर में नौकरी करने वाले कई गार्ड पैदल आते-जाते देखे गए। इनका घर कार्यस्थल से 10-15 किमी दूर है। इंदौर के मॉल, होटल में काम करने वाले लोगों ने बताया कि अचानक लॉकडाउन से हमारे साथियों को पैसे नहीं मिले। उनकी आर्थिक हालत बहुत खराब है।

बुंदेलखंड के मजदूरों को ठेकेदार ने पैसे नहीं दिए, भूखे-प्यासे घर लौट रहे
इंदौर में काम करने वाले 150 मजदूर भोपाल-इंदौर हाइवे (एबीरोड) पर देखे गए। ये लोग अपने घरों के लिए निकले। इनमें छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर के रहने वाले थे। सभी मजदूरी करते हैं। सिक्योरिटी गार्ड हैं। कुछ लोग पीथमपुर से आए थे, जो कल दोपहर 12 बजे घर से निकले थे। मजदूरों का कहना था कि हम 4-5 दिन से यहां रुके रहे। सोचा कि सब सामान्य हो जाएगा तो काम मिल जाएगा। ठेकेदार से भी मजदूरी के पैसे नहीं मिले। जो जेब में थे, वे भी खर्च हो गए।

जोधपुर से 9 दिन में घर आया, पुलिस ने खाना खिलाया और गाड़ी में बैठाया
जोधपुर में चाय-मसाले की फैक्ट्री में काम करने वाला बहादुर 9 दिन की यात्रा के बाद आज इंदौर पहुंचा। बहादुर ने बताया कि कोरेाना से लोगों के मरने की खबरों के बाद फैक्ट्री में काम बंद कर दिया गया। शहर में कर्फ्यू लगने से ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए। ठेकेदार ने सभी मजदूरों से अपनी व्यवस्था करके घर जाने के लिए कह दिया। उसे ठेकेदार से 10 हजार रुपए देने लेने थे, लेकिन कर्फ्यू के कारण उससे मिल ही नहीं पाया। मेरी तरह करीब 150 लोग अलग-अलग जगहों के लिए बिना के पैसे निकले। बहादुर के मुताबिक, राजस्थान पुलिस ने खाना खिलाकर वहां से एक गाड़ी में बैठा दिया, उससे एमपी बॉर्डर तक आ गया। वहां से 200 किमी पैदल चलकर इंदौर पहुंचा। सड़कों पर लोग किसी ट्रक के मिलने की आस में पैदल चलते जा रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग सब घर जाने के लिए परेशान हैं।

आखिर यह सबसे कड़ा लॉकडाउन क्यों?
देशभर में लॉकडाउन लागू हुए पांच दिन बीत चुके हैं। मगर इस दौरान भी वहां दूध-सब्जी समेत जरूरी चीजों के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से छूट दे रखी है। पेट्रोल पंप, एटीएम जैसी सेवाएं जारी रखी हैं। इतना ही लोगों को बाहर निकलने और खरीदारी के लिए भी तय समय में छूट दी जा रही है। मगर मिनी मुंबई कहलाने वाला इंदौर अगले तीन दिन पूरी तरह से बंद हो जाएगा।

आखिर यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी?
दरअसल, लॉकडाउन के बाद भी इंदौर में बड़ी संख्या में लोग बाहर से आ रहे थे। कई सामाजिक संस्थाएं भोजन और अन्य सामग्री बांटने का काम कर रही थीं। नतीजतन लॉकडाउन लागू होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो पा रहा था। नतीजतन बीते दो दिन में इंदौर में संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ गई। इंदौर पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चंदन नगर, रानीपुरा जैसे इलाकों को चिह्नित किया है। वहां आवाजाही पर रोक लगाई है।

सख्ती बढ़ाने के लिए प्रशासनिक सर्जरी हुई
इंदौर की कमान अब कलेक्टर मनीष सिंह को सौंपी गई है। इससे पहले इंदौर के कलेक्टर लोकेश जाटव थे। वहीं पुलिस महकमे में डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र की जगह डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र को लाया गया है। प्रशासनिक गलियारों में इन बदलावों को सख्ती बढ़ाने की दिशा में लिए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कलेक्टर सिंह को इंदौर की प्रशासनिक टीम के साथ काम करने का अनुभव भी है। 

अचानक से बढ़ गए संक्रमण के मामले
इंदौर में अचानक से दो दिन में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। संक्रमितों की संख्या 22 पर पहुंच चुकी है। सभी मरीजों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने सभी को एमआर टीबी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा है। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से एक वेंटिलेटर पर है तो बाकी तीन को बाईपेप मशीन पर रखा गया है। 

रानीपुरा और देवास के संदिग्धों की मौत
कोरोनोवायरस संक्रमण के संदेह में एमआर टीबी अस्पताल में भर्ती 70 साल के बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बुजुर्ग रानीपुरा क्षेत्र में रहते थे। शनिवार को निजी अस्पताल में भर्ती देवास नगर निगम के 50 वर्षीय दिव्यांग कर्मचारी ने भी दम तोड़ दिया। मौत से पहले मरीज को बुखार और सांस लेने में समस्या थी। दोनों ही मामलों में कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।

लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो कार्रवाई: कलेक्टर
कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। एक जगह चिह्नित कर, नियम तोड़ने वालों को खुली जेल में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि भोजन बांटने के लिए एनजीओ को दिए गए पास भी निरस्त कर दिए गए हैं। यह जिम्मेदारी अब प्रशासन उठाएगा। पहले चरण में 10 हजार फूड पैकेट्स बांटे जाएंगे।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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