Seoni Police News। कड़की ठंड की उस रात जब शहर गहरी नींद में था, जिला अस्पताल सिवनी में एक दिल को छू लेने वाली घटना देखने को मिली। पुलिसकर्मियों का यह मानवीय कदम न केवल इंसानियत का उदाहरण बना, बल्कि यह भी साबित कर गया कि वर्दी सिर्फ कानून का प्रतीक नहीं, बल्कि मानवता की ढाल भी है।
रात 3 बजे जिला अस्पताल में दिखी दु:खद तस्वीर
बीती रात लगभग 3:00 बजे, सिवनी पुलिस एक चाकूबाज़ी के मामले में घायल व्यक्तियों का हालचाल लेने जिला अस्पताल पहुंची। ठंड अपने चरम पर थी और पूरा परिसर सिहरन भरी हवा से कांप रहा था।
इसी बीच, पुलिस की नजर एक विक्षिप्त और असहाय महिला पर पड़ी, जो खुले आसमान के नीचे ठंडी जमीन पर बेसहारा पड़ी थी। उसके आसपास न कोई परिजन था, न ही अस्पताल कर्मियों की तत्काल मदद।
स्ट्रेचर का इंतजाम, खुद उठाकर अस्पताल के अंदर ले गए
अस्पताल स्टाफ से लगातार अनुरोध के बाद जब स्ट्रेचर उपलब्ध हुआ, तो पुलिसकर्मियों ने—
- दो से तीन लोगों की मदद ली,
- खुद जमीन से महिला को उठाया,
- स्ट्रेचर पर सुरक्षित रखा,
- और उसे अस्पताल के अंदर पहुंचाया।
यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे, क्योंकि इतनी ठंडी रात में किसी बेसहारा को संभालना वास्तव में मानवता का बड़ा उदाहरण है।
भोजन कराया, इलाज कराया — इंसानियत की खूबसूरत मिसाल
महिला को अस्पताल के अंदर लाने के बाद पुलिस टीम ने न केवल प्राथमिक उपचार सुनिश्चित किया बल्कि उसे भोजन भी उपलब्ध कराया, ताकि वह ठंड और भूख से कमजोर न पड़े।
इस पूरे मानवीय प्रयास ने सिवनी पुलिस की छवि को और भी मजबूत किया है। जहां पुलिस अक्सर कठोर छवि के साथ जोड़ी जाती है, वहीं यह घटना यह बताती है कि वर्दी के भीतर भी दिल धड़कता है—भावनाओं, संवेदनाओं और करुणा से भरा हुआ।
स्थानीय लोग बोले—“ऐसी पुलिस हर जिले को मिले”
घटना तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी और लोग सिवनी पुलिस की इस पहल की जमकर सराहना कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि हर जिले में ऐसे संवेदनशील पुलिसकर्मी हों, तो समाज में कई जीवन समय रहते बचाए जा सकते हैं।
सिवनी पुलिस की इस पहल ने साबित कर दिया कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। कड़ाके की ठंड, रात का सन्नाटा, और अस्पताल की उदास हवा—इन सबके बीच पुलिस ने वह किया, जिसकी उम्मीद अक्सर लोग नहीं करते।
यह सिर्फ मदद नहीं… यह एक संदेश है—कि मानवता अभी जिंदा है।

