सिवनी: पत्रकार अजय ठाकरे पर झूठा प्रकरण दर्ज होने से मीडिया जगत में नाराज़गी, श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सौंपा ज्ञापन

Seoni: Media frowns over false case against journalist Ajay Thackeray; Working Journalist Association submits memorandum

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सिवनी: पत्रकार अजय ठाकरे पर झूठा प्रकरण दर्ज होने से मीडिया जगत में नाराज़गी, श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सौंपा ज्ञापन

Seoni News: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में सिवनी न्यूज़ के संपादक अजय ठाकरे पर FIR दर्ज होने से मीडिया जगत में नाराज़गी बढ़ती जा रही है. भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यही वह स्तंभ है जो सत्ता, समाज और आम जनता के बीच पारदर्शिता बनाए रखता है। लेकिन जब इस स्तंभ को ही तोड़ा-मरोड़ा जाने लगे, तो सवाल उठना लाजिमी है — क्या अब सच्चाई दिखाना अपराध बन गया है?

सिवनी में निष्पक्ष पत्रकार पर झूठा केस, मीडिया जगत में आक्रोश

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश के पत्रकारों में रोष की लहर दौड़ा दी है। सिवनी की कोतवाली पुलिस ने अपराध क्रमांक 899/2025 दर्ज करते हुए लगभग 8 से 10 लोगों को आरोपी बनाया, जिनमें एक स्थानीय पत्रकार सिवनी न्यूज़ के संपादक अजय ठाकरे का नाम भी शामिल किया गया है।

वह पत्रकार घटना स्थल पर समाचार कवरेज के लिए मौजूद थे, लेकिन बिना किसी ठोस जांच के उन्हें आरोपी बना दिया गया। यह कदम न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को भी कमजोर करने वाला है।

पत्रकारों के साथ दोहरा रवैया — ऊपर से सम्मान, नीचे से अपमान

राज्य सरकार बार-बार पत्रकारों के मान-सम्मान की बातें करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। फील्ड में सच्चाई दिखाने वाले पत्रकारों को कभी धमकियों का सामना करना पड़ता है, तो कभी झूठे मामलों में फंसाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जाती है।

ऐसे में सवाल यह उठता है — अगर पत्रकार ही सुरक्षित नहीं, तो लोकतंत्र में सच्चाई कौन बोलेगा?

पत्रकार संगठनों ने उठाई आवाज — “जांच के बिना केस दर्ज न हो”

प्रदेश के कई पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है जिनमें श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष मनीष जैन, सिवनी ब्लॉक अध्यक्ष संजीव क्रिडिया समेत अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों ने निंदा करते हुए शासन-प्रशासन से मांग की है कि पत्रकारों पर बिना जांच के कोई भी मामला दर्ज न किया जाए।

पत्रकारों का कहना है कि यदि किसी पत्रकार के खिलाफ कोई शिकायत आती है, तो पहले राजपत्रित अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराई जाए। फील्ड में काम करने वाले पत्रकारों को इस तरह से आरोपी बनाना लोकतंत्र की आत्मा पर आघात है।

पत्रकार समुदाय ने उठाई मांग — केस तत्काल वापस लिया जाए

पत्रकारों ने शासन से यह भी मांग की है कि सिवनी प्रकरण में पत्रकार पर दर्ज केस को तत्काल वापस लिया जाए। साथ ही, सरकार को ऐसे मामलों में सख्त गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार को सत्य बोलने की सजा न मिले।

लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब पत्रकारिता होगी स्वतंत्र

पत्रकार केवल खबरें नहीं लिखते — वे जनता की आवाज, समाज का आईना और शासन का दर्पण होते हैं। जब इस दर्पण को तोड़ा जाता है, तो उसका असर पूरे लोकतंत्र पर पड़ता है।

जरूरत है कि ऐसे मामलों पर सरकार गंभीरता से कदम उठाए और यह सुनिश्चित करे कि सच्चाई दिखाने वालों को सजा नहीं, सुरक्षा मिले।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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