सिवनी: राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के तहत सिवनी पुलिस ने एक अहम पहल की है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चल रहे इस अभियान में, पुलिस अधीक्षक श्री सुनील मेहता के नेतृत्व में साइबर सुरक्षा से जुड़ा एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण में एनसीआरपी, सीईआईआर और जेएमआईसी पोर्टल पर काम करने की तकनीक, साइबर क्राइम की जांच, गुम मोबाइल ट्रेसिंग और ऑनलाइन शिकायतों के समाधान से जुड़ी बारीकियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रशिक्षण का संचालन नोडल अधिकारी निरीक्षक श्री ओमेश्वर ठाकरे, साइबर सेल प्रभारी एएसआई श्री देवेंद्र जायसवाल और मास्टर ट्रेनर आर. विनय चौरिया द्वारा किया गया।
इस दौरान 30 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को पोर्टल्स पर कार्य प्रणाली, शिकायत निवारण की प्रक्रिया और साइबर अपराध की जांच के नवीनतम तरीकों की जानकारी दी गई।
जनहित में साइबर जागरूकता का संदेश
सिवनी पुलिस का यह कदम आम जनता को साइबर सतर्कता और जागरूकता से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान न केवल तकनीकी जानकारी दी गई, बल्कि प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि आमजन की शिकायतों का त्वरित समाधान कैसे किया जाए और उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के उपाय कैसे सिखाए जाएं।
साथ ही जागरूकता सामग्री और विवेचना की बारीकियों को भी साझा किया गया ताकि पुलिस कर्मी जनता के बीच जाकर उन्हें समझा सकें कि —
“साइबर सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, अब यह आवश्यकता बन चुकी है।”
अब ट्रेस होगा हर गुम मोबाइल, पकड़े जाएंगे साइबर ठग
प्रशिक्षण के बाद पुलिस कर्मियों को एनसीआरपी (National Cyber Reporting Portal) और सीईआईआर (Central Equipment Identity Register) जैसे सरकारी पोर्टलों के माध्यम से गुम मोबाइल की लोकेशन ट्रैकिंग और ऑनलाइन ठगी के केसों की जांच को और प्रभावी बनाने की तकनीक सिखाई गई।
इससे न केवल अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा बल्कि आम जनता को भी त्वरित न्याय मिलेगा।
सिवनी पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन ठगी, मोबाइल गुमशुदगी या संदिग्ध लिंक मिलने पर तुरंत www.cybercrime.gov.in या निकटतम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
साथ ही, अज्ञात नंबरों पर बैंक डिटेल या ओटीपी साझा न करें, ताकि आप स्वयं और अन्य लोग सुरक्षित रह सकें।
सिवनी पुलिस की यह पहल न सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है बल्कि यह जनता को साइबर युग में सुरक्षित रखने की दिशा में एक जागरूकता आंदोलन है।
ऐसे प्रयास ही भारत को “डिजिटल इंडिया, सेफ इंडिया” बनाने की ओर मजबूत कदम साबित होंगे।

