मानसिक स्वास्थ्य: क्यों जरूरी है इस पर खुलकर बात करना? – Mental health

Mental health: Why is it important to talk about it openly?

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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मानसिक स्वास्थ्य: क्यों जरूरी है इस पर खुलकर बात करना? - Mental health

हर दिन हम सुनते हैं—”उसने आत्महत्या कर ली”, “वो डिप्रेशन में था”, “मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना ज़रूरी है”। सोशल मीडिया पर पोस्ट्स आती हैं: “Let’s talk about mental health”… लेकिन क्या हमने कभी एक पल रुककर इस विषय पर गंभीरता से सोचा है? शायद नहीं।
यह लेख मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, इसके कारण, लक्षण, और समाधान पर आधारित है—एक कोशिश कि हम खुद को और अपने अपनों को समय रहते बचा सकें।

मानसिक स्वास्थ्य क्या है ?

मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य व्यक्ति की सोच, भावनाओं और व्यवहार से है। यह इस बात को निर्धारित करता है कि कोई व्यक्ति तनाव से कैसे निपटता है, निर्णय कैसे लेता है और दूसरों के साथ कैसा संबंध बनाता है। मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा होना जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख कारण

1. सामाजिक दबाव

बढ़ती प्रतिस्पर्धा, नौकरी की असुरक्षा, आर्थिक संकट, और सामाजिक तुलना मानसिक तनाव को जन्म देती है।

2. बचपन के अनुभव

शारीरिक या मानसिक शोषण, माता-पिता का तलाक, या उपेक्षा जैसी घटनाएं जीवन भर असर छोड़ सकती हैं।

3. जैविक कारण

परिवार में किसी को मानसिक बीमारी होना, या मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन, डिप्रेशन और एंग्जायटी का कारण बन सकता है।

4. जीवनशैली

नींद की कमी, नशे की लत, सोशल मीडिया की लत और असंतुलित आहार भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

मानसिक अस्वस्थता के लक्षण

  • अत्यधिक दुखी रहना या रोना
  • अकेलेपन की भावना
  • बार-बार नकारात्मक विचार आना
  • आत्महत्या के विचार
  • नींद न आना या बहुत ज्यादा सोना
  • भूख न लगना या अत्यधिक खाना

यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह मानसिक अस्वस्थता का संकेत हो सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य को कैसे सुधारें?

1. खुलकर बात करें

अगर आप तनाव में हैं, तो अपने परिवार, मित्रों या किसी विशेषज्ञ से बात करें। अकेले रहना समस्या को बढ़ा सकता है।

2. योग और ध्यान करें

रोज़ाना 20 मिनट ध्यान और प्राणायाम मन को शांत करता है और मस्तिष्क को रिलैक्स करता है।

3. संतुलित दिनचर्या अपनाएं

समय पर सोना, सही आहार लेना और पर्याप्त व्यायाम मानसिक स्थिति को बेहतर बनाते हैं।

4. नकारात्मक सोच से बचें

हर समय की तुलना और आलोचना से मानसिक दबाव बढ़ता है। आत्म-सम्मान बनाए रखें।

5. विशेषज्ञ की मदद लें

यदि स्थिति गंभीर हो, तो साइकोलॉजिस्ट या साइकेट्रिस्ट की सलाह ज़रूर लें।

भारत में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति

भारत में हर 7 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है। बावजूद इसके, मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात नहीं की जाती। World Health Organization के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य केवल बीमारियों की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि संपूर्ण मानसिक संतुलन का नाम है।

सरकार और समाज की भूमिका

सरकार को चाहिए कि स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता अभियान चलाए। समाज को भी मानसिक बीमारियों को “पागलपन” समझना बंद कर, इसे एक सामान्य समस्या की तरह लेना होगा।

“मानसिक स्वास्थ्य कोई विकल्प नहीं, ज़रूरत है।”

यदि कोई कहे कि वो दुखी है, तो उस पर हंसें नहीं, बल्कि उसका साथ दें। मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे को समझें, सहारा दें और समय पर सही मदद तक पहुंचाएं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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