सिवनी, मध्यप्रदेश | जिले में जल संकट को देखते हुए जिला दंडाधिकारी संस्कृति जैन द्वारा बीती रात आपातकालीन आदेश जारी करते हुए जिले में अगले 15 दिनों तक किसी भी निर्माण कार्य में जल उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। आदेश स्पष्ट रूप से कहता है कि बिना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के किसी भी निर्माण कार्य में जल का उपयोग नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद सिवनी नगर में बन रहे ओवर रोड ओवर ब्रिज के निर्माण स्थल पर आज जल टैंकर से पानी का उपयोग करते हुए देखा गया। यह दृश्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश की सरेआम अवहेलना के रूप में सामने आया है।
स्थानीय नागरिकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं कि जब आम जनता को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तब सरकारी निर्माण कार्यों में इस प्रकार से जल का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है। वहीं, जल संकट की स्थिति में जारी आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस मामले में प्रशासन की सतर्कता और निगरानी पर भी सवाल उठने लगे हैं। यदि आदेश का पालन नहीं कराया गया, तो यह अन्य निजी और सार्वजनिक निर्माणकर्ताओं को भी नियम तोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है।
जनता की मांग – कार्रवाई हो अविलंब
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले की तुरंत जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, ताकि जिले में जारी जल संकट के बीच जल संरक्षण के प्रयासों को सफल बनाया जा सके।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस अवहेलना पर क्या कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।