Seoni News: कूड़ो इंटरनेशनल फेडरेशन इंडिया (केआईएफआई) का उद्देश्य युवाओं में खेल और मानसिक शक्ति का विकास करना है। यह संगठन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और अंतर्राष्ट्रीय महासंघ केआईएफ ऑल इंटरनेशनल स्पोर्ट्स एसोसिएशन (TAFISA) का सदस्य है। इस फेडरेशन का प्रमुख उद्देश्य भारतीय खेलों को बढ़ावा देना और युवा खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। केआईएफ को आईओसी, यूएन और यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है और विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) का सदस्य भी है, जो खेलों में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है।
गुजरात के सूरत में आयोजित 15वीं राष्ट्रीय कूड़ो प्रतियोगिता
5 नवंबर से 11 नवंबर तक गुजरात के सूरत शहर में 15वीं राष्ट्रीय कूड़ो प्रतियोगिता, 5वीं फेडरेशन कप और 16वीं अक्षय कुमार अंतर्राष्ट्रीय कूड़ो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में देशभर के 32 राज्यों से आए 4500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस भव्य आयोजन में बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस प्रतियोगिता को और अधिक आकर्षक बना दिया।
सिवनी जिले की प्रतिभाशाली खिलाड़ी आर्या तिवारी की शानदार उपलब्धि
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सिवनी जिले के केवलारी से आई युवा खिलाड़ी आर्या तिवारी ने मध्य प्रदेश का नेतृत्व करते हुए अंडर 14 वर्ष के 33 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक जीता। इसके अलावा, 5वीं फेडरेशन कप में भी उन्होंने रजत पदक और 16वीं अक्षय कुमार अंतर्राष्ट्रीय कूड़ो प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर अपने राज्य और जिले का गौरव बढ़ाया।
आर्या तिवारी की इस उपलब्धि पर जिला कूड़ो संघ के सचिव और मुख्य प्रशिक्षक गोपाल कुमार कुशवाहा ने बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता का नतीजा है, जो भारतीय खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है।
कूड़ो: एक अद्वितीय जापानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स खेल
कूड़ो एक हाईब्रिड जापानी मिक्स्ड कॉम्बैट मार्शल आर्ट है जिसमें विभिन्न मार्शल आर्ट्स जैसे बॉक्सिंग, किकबॉक्सिंग, ताइक्वांडो, कराटे, जूडो और जीजूसू के कौशलों का मिश्रण शामिल है। कूड़ो में बॉक्सिंग के पंच, किकबॉक्सिंग के किक, कराटे के एल्बो, जूडो के थ्रो और ग्राउंड फाइटिंग की तकनीकों का समावेश होता है। इसके माध्यम से खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक शक्ति के विकास का अवसर मिलता है।
कूड़ो का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
कूड़ो 150 से अधिक देशों में संचालित होता है, और हर वर्ष इसकी प्रतियोगिताएं विभिन्न देशों में आयोजित की जाती हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कूड़ो की पहचान इस खेल की अद्वितीयता और कठिन प्रशिक्षण पद्धति के कारण ही बनी है। इस खेल में खिलाड़ियों को कुशलता के साथ आक्रामक और रक्षात्मक तकनीकों का अभ्यास करना होता है, जो इसे अन्य मार्शल आर्ट्स से अलग बनाता है।
भारत में कूड़ो और करियर संभावनाएं
कूड़ो को भारत सरकार द्वारा खेल कोटे के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है, और इस खेल के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं को सीधी भर्ती के आधार पर सरकारी नौकरियां प्रदान की जाती हैं। यह युवाओं के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जो खेल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। कूड़ो में विशेष उपलब्धियां प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जो उनके भविष्य को सुरक्षित बनाती हैं।
संघ के प्रमुख अधिकारी और उनकी भूमिका
कूड़ो संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सोनी, उपाध्यक्ष शुभम कुमार सोनी, उत्तम डहेरिया, निलेश सनोडिया, निखिल धुर्वे और समस्त सदस्यों ने पदक विजेता खिलाड़ी आर्या तिवारी और प्रशिक्षक गोपाल कुमार कुशवाहा को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। इन अधिकारियों का कूड़ो संघ की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान है, जो इसे आगे बढ़ाने और भारतीय खिलाड़ियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक साबित हो रहा है।
संघ के सदस्यों का संकल्प है कि वे कूड़ो खेल को भारत में और अधिक लोकप्रिय बनाएंगे और युवाओं को इसके प्रति जागरूक करेंगे। इसके लिए संघ विभिन्न स्तरों पर कूड़ो शिविरों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इस खेल का लाभ प्राप्त हो सके।
भारत में कूड़ो की भविष्य की संभावनाएं
भारत में कूड़ो खेल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और यह युवाओं के बीच एक नई पहचान बना रहा है। इसे एक सशक्त आत्मरक्षा और खेल के रूप में अपनाया जा रहा है। कूड़ो न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक संतुलन और अनुशासन को भी मजबूत करता है। इस खेल की अद्वितीयता के कारण भारतीय सरकार द्वारा भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि युवा इसे एक करियर विकल्प के रूप में अपना सकें।
कूड़ो एक ऐसा खेल है जो युवा पीढ़ी को एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जीवन शैली प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम भारतीय समाज में एक नई सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित कर सकते हैं।