सिवनी जिले के घंसौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण दिवस पर पदस्थ एक एएनएम के साथ कुछ ग्रामीणों द्वारा अभद्रता करने और उसे अपशब्द कहते हुए ड्यूटी के दौरान रोकने की घटना सामने आई है। पीड़ित एएनएम ने बताया कि ड्यूटी के दौरान कुछ व्यक्तियों ने न केवल उसके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि हाथ पकड़कर उसे रोका भी। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई और प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन शासकीय कार्य में बाधा और चिकित्सा सेवा कर्मियों के संरक्षण से संबंधित अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया।
प्रशासन के सामने शिकायत
पीड़ित महिला एएनएम ने स्वयं माननीय कलेक्टर महोदय और जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भी कलेक्टर महोदय से अपील की कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ इस प्रकार का उत्पीड़न अत्यंत दुखद और निंदनीय है।
डरी हुई हैं स्वास्थ्य कर्मी, सुरक्षा की मांग
घटना के बाद पीड़ित महिला स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि वह बेहद डरी हुई है और अब उस स्वास्थ्य केंद्र में कोई अन्य एएनएम या सीएचओ सेवा देने के लिए जाने को तैयार नहीं हैं। इस मामले में अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं, जिससे इलाके के स्वास्थ्य कर्मियों में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
मांग: सुरक्षा और उचित कार्रवाई
पीड़ित एएनएम और वहां पदस्थ सीएचओ ने प्रशासन से सुरक्षा और संरक्षण की मांग की है। उन्होंने अपील की है कि प्रशासन इस मामले में तुरंत उचित कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और स्वास्थ्य कर्मी निर्भय होकर अपनी सेवाएं दे सकें।
यह घटना न केवल महिला स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक बड़ा संकट है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि वे इस मामले में कठोर कदम उठाएं और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्याय दिलाएं।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते समय महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे उत्पीड़न की घटनाएं उनके कामकाज पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे जनता को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सभी स्वास्थ्य कर्मी निर्भय होकर अपने कार्यों को जारी रख सकें।