MP Weather Updates: मध्य प्रदेश में मानसून के विदा होते ही मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पश्चिमी मध्य प्रदेश में जहां दिन का तापमान तेज़ी से बढ़ रहा है, वहीं रातों में ठंडक का एहसास होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में अब भी बारिश हो सकती है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश में तापमान बढ़ा, पूर्वी हिस्सों में बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने बताया कि ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर जैसे पश्चिमी जिलों से मानसून विदा हो गया है, जिससे इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ने लगा है। वहीं, उज्जैन संभाग से भी अगले कुछ दिनों में मानसून की विदाई की संभावना जताई गई है। इसके विपरीत, जबलपुर, रीवा, शहडोल, और सागर संभाग जैसे पूर्वी हिस्सों में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जिससे वहां बूंदाबांदी हो सकती है।
मानसून की विदाई: मौसम विभाग की घोषणा
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी भी हल्की बारिश की संभावना है। बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें हो सकती हैं, जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर जैसे शहरों में तेज धूप खिलने की संभावना है।
मौसम विज्ञानी की राय
आईएमडी भोपाल की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि 4 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे मानसून की विदाई में देरी हो सकती है, खासकर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में। हालांकि, पश्चिमी मध्य प्रदेश में तापमान में उछाल के साथ सर्दी का अहसास होने लगेगा।
तापमान में उतार-चढ़ाव: सर्दी की दस्तक
पिछले कुछ दिनों से राज्य में बारिश की कमी देखी गई है, जिससे दिन के तापमान में वृद्धि हो रही है। ग्वालियर और चंबल संभाग से मानसून की विदाई के बाद, इन इलाकों में तापमान तेज़ी से बढ़ने लगा है। ग्वालियर और खजुराहो में तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि टीकमगढ़ में यह 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके साथ ही भोपाल, गुना, रतलाम, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, और रीवा में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा, जबकि इंदौर में यह 34 डिग्री सेल्सियस के करीब था।
वर्षा रिकॉर्ड: मानसून की बारिश के आंकड़े
इस वर्ष मानसून के दौरान जबलपुर संभाग में सबसे अधिक बारिश हुई। मंडला में 60.6 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि सिवनी में 56.8 इंच और श्योपुर, निवाड़ी, और राजगढ़ में 52 इंच से अधिक बारिश हुई।
राज्य के 250 बांधों में से करीब 200 बांध अब पूरी तरह भर चुके हैं। इस मौसम में कई बड़े बांधों के गेट खोले गए, जिनमें बरगी, बाणगंगा, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, तवा, कलियासोत, केरवा, और भदभदा प्रमुख हैं।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में दिन के समय तापमान बढ़ता रहेगा, जबकि रातें धीरे-धीरे ठंडी होने लगेंगी। 20 अक्टूबर के आसपास रात के तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। इसके साथ ही, बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दबाव के कारण प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां बनी रह सकती हैं। हालांकि, पश्चिमी हिस्सों में दिन का तापमान और बढ़ेगा, जिससे सर्दियों की दस्तक महसूस होगी।
मध्य प्रदेश में मौसम का यह बदलाव अगले कुछ हफ्तों तक जारी रहने की संभावना है। पश्चिमी इलाकों में तापमान में वृद्धि और पूर्वी हिस्सों में बारिश की संभावना प्रदेश के मौसम को और भी विविध बनाएगी। दिन गर्म रहेंगे, जबकि रातें ठंडी होने की उम्मीद है।