SEONI NEWS: सिवनी जिला मुख्यालय में गरबा के नाम पर होने वाले आयोजन अब धार्मिक आस्था से अधिक व्यापार का माध्यम बन गए हैं। नवरात्रि के इन पवित्र नौ दिनों के दौरान देवी माँ की अराधना के नाम पर चल रहे आयोजनों में कई अनियमितताएँ सामने आ रही हैं, जिनसे शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण पर बुरा असर पड़ रहा है।
गरबा की आड़ में चल रहा व्यापार
सिवनी में नवरात्रि गरबा एक पारंपरिक आयोजन रहा है, लेकिन अब यह सिर्फ आस्था का हिस्सा नहीं रह गया है। आयोजक टिकट बिक्री, ड्रेस किराए और अन्य साधनों से मोटी कमाई कर रहे हैं। नवरात्रि के दौरान होने वाले इन आयोजनों में किसी प्रकार का सरकारी रजिस्ट्रेशन भी नहीं होता, जिससे टैक्स चोरी के आरोप भी लग रहे हैं। इससे सिवनी में नवरात्रि की रौनक खत्म हो रही है, और स्थानीय निवासियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
गरबा के नाम पर अनैतिक गतिविधियाँ
सकल हिंदू समाज ने इस मुद्दे पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि गरबा आयोजनों में असामाजिक तत्व भी प्रवेश कर रहे हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब फर्जी पहचान का उपयोग करके लोग इन आयोजनों में शामिल होते हैं, जिससे लव जिहाद जैसे मामले बढ़ सकते हैं। इन आयोजनों में ना तो पहचान पत्रों की जांच होती है और ना ही पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं, जिससे महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मर्यादा का उल्लंघन
सकल हिंदू समाज ने साफ तौर पर कहा है कि यदि गरबा आयोजक नवरात्रि के प्रथम पाँच दिनों में मर्यादा और नियमों के तहत कार्यक्रम संपन्न नहीं करते, तो इन आयोजनों को बंद किया जाएगा। देवी माँ की अराधना गरबा के माध्यम से होनी चाहिए, लेकिन यह आधी रात तक चलने वाले अश्लील ठुमकों के रूप में नहीं होनी चाहिए। आयोजकों को सुझाव दिया गया है कि देवी माँ की प्रतिमा के सामने, जवारों और कलश स्थापना के साथ गरबा का आयोजन किया जाए ताकि इसका धार्मिक महत्व बना रहे।
अधर्मियों की घुसपैठ से गरबा का अपमान
गरबा आयोजनों में अधर्मियों द्वारा घुसपैठ और अनैतिक गतिविधियों का आरोप सकल हिंदू समाज ने लगाया है। उनकी राय में, इन आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की पहचान छिपाकर ये लोग समाज में विभाजन का बीज बो रहे हैं। बिना सुरक्षा और पहचान पत्र की जांच के आयोजन समाज की सांस्कृतिक मर्यादा का उल्लंघन है और इससे भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सिवनी में गरबा का व्यवसायिक स्वरूप
सिवनी में गरबा के नाम पर खुलकर व्यवसायिक गतिविधियाँ हो रही हैं। आयोजक न सिर्फ टिकट बेच रहे हैं, बल्कि महंगे कपड़े और ड्रेस भी किराए पर देकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इन आयोजनों का कोई वित्तीय पारदर्शिता नहीं है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि टैक्स चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। इस तरह के आयोजनों से शहर की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है, और यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस तरह के आयोजन धार्मिक आस्था के लिए होते हैं या सिर्फ पैसे कमाने का जरिया बन गए हैं?
सकारात्मक दिशा में समाधान की आवश्यकता
सिवनी के गरबा आयोजनों में उत्पन्न इन समस्याओं का समाधान आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन को इन आयोजनों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ये आयोजन धार्मिक मर्यादाओं के अनुरूप हों। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन और सुरक्षा उपायों को भी लागू किया जाना चाहिए ताकि कोई अनैतिक गतिविधियाँ न हो सकें।
गरबा आयोजकों की जिम्मेदारी
गरबा आयोजन समितियों को चाहिए कि वे अपने कार्यक्रमों को धार्मिक और सांस्कृतिक मर्यादाओं के दायरे में रखें। यह जरूरी है कि वे देवी माँ की अराधना को सही तरीके से प्रस्तुत करें और आयोजन में सुरक्षा और नियमों का पालन करें। इससे समाज में गरबा की पवित्रता बनी रहेगी और इस आयोजन की महत्ता भी बरकरार रहेगी।