स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य में बदलाव की दिशा में बजट 2024-25 मील का पत्थर साबित होगा।
हमारे प्रदेश के सभी बच्चे खूब पढ़ें-लिखें, आगे बढ़ें, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण लेकर रोजगार मांगने वाले नहीं, वरन रोजगार देने वाले बनें, इस दिशा में बजट 2024-25 में व्यापक प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में जो अभूतपूर्व प्रावधान किये गये हैं, उसके अप्रत्याशित सकारात्मक परिणाम सभी को शीघ्र ही दिखाई देंगे।
बजट में प्रदेश के सभी श्रेणियों के शैक्षणिक संस्थानों के विकास, अध्यापकों व अन्य मानव संसाधन की पदपूर्ति, सीएम राइज स्कूलों के निर्माण एवं विकास सहित अन्य सभी जरूरी आवश्यकताओं के लिये समुचित धनराशि का प्रावधान किया गया है।
इससे हमारे विद्यार्थियों एवं अध्यापकों, दोनों को स्कूलों में एक सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक वातावरण उपलब्ध होगा। सकारात्मक वातावरण से ही विद्यार्थी अपने शैक्षणिक परिणाम में अव्वल आयेंगे।
शैक्षणिक संस्थानों का विकास और अध्यापक पदपूर्ति
बजट 2024-25 में प्रदेश के सभी श्रेणियों के शैक्षणिक संस्थानों के विकास, अध्यापकों व अन्य मानव संसाधन की पदपूर्ति, सीएम राइज स्कूलों के निर्माण एवं विकास सहित अन्य सभी जरूरी आवश्यकताओं के लिये समुचित धनराशि का प्रावधान किया गया है। इससे हमारे विद्यार्थियों एवं अध्यापकों, दोनों को स्कूलों में एक सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक वातावरण उपलब्ध होगा। सकारात्मक वातावरण से ही विद्यार्थी अपने शैक्षणिक परिणाम में अव्वल आयेंगे।
सरकारी स्कूलों में संसाधनों का उन्नयन
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी स्कूलों को साधन संपन्न बनाने के लिये हर जरूरी सुविधाओं का ध्यान रखा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में सीएम राइज स्कूलों की स्थापना की जा रही है। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तरह अच्छी शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार का लक्ष्य है और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
बजट 2024-25 में स्कूल शिक्षा विभाग के लिये किये गये उल्लेखनीय बजट प्रावधान
- सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिये 11 हजार 485 करोड़ रुपये का प्रावधान
- माध्यमिक शालायें के लिये 6 हजार 705 करोड़ रुपये का प्रावधान
- समग्र शिक्षा अभियान के लिये 5 हजार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
- शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी शालायें के लिये 3 हजार 389 करोड़ रुपये का प्रावधान
- सी. एम. राइज के लिये 2 हजार 738 करोड़ रुपये का प्रावधान
- अतिथि शिक्षकों का मानदेय के लिये 933 करोड़ रुपये का प्रावधान
- आर.टी.ई. के तहत अशासकीय विद्यालयों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिये 500 करोड़ रुपये का प्रावधान
- साइकिलों का प्रदाय के लिये 310 करोड़ रुपये का प्रावधान
- पंचायती राज संस्थाओं के अध्यापक तथा संविदा शाला शिक्षकों को वेतन/मानदेय के लिये 279 करोड़ रुपये का प्रावधान
- विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण के लिये 228 करोड़ रुपये का प्रावधान
- पी.एम.श्री के लिये 225 करोड़ रुपये का प्रावधान
- स्टार्स परियोजना के लिये 168 करोड़ रुपये का प्रावधान
- शासकीय स्कूल/छात्रावास/पुस्तकालय/आवासीय खेलकूद भवनों का निर्माण एवं विस्तार के लिये 151 करोड़ रुपये का प्रावधान
- अशासकीय शालाओं को अनुदान के लिये 125 करोड़ रुपये का प्रावधान
- निःशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय के लिये 124 करोड़ रुपये का प्रावधान
- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना के लिये 114 करोड़ रुपये का प्रावधान
- विकास खण्ड स्तर कार्यालय की स्थापना मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए के लिये 113 करोड़ रुपये का प्रावधान
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए के लिये 104 करोड़ रुपये का प्रावधान
- शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन एवं संधारण के लिये 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
सीएम राइज स्कूलों का महत्व
सीएम राइज स्कूल हमारे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन स्कूलों में नवीनतम शैक्षणिक साधनों और आधुनिक तकनीकों का समावेश किया गया है। इसका उद्देश्य है कि सभी विद्यार्थियों को समान शैक्षणिक अवसर प्राप्त हों और वे अपनी क्षमता के अनुसार उत्कृष्टता हासिल कर सकें। सीएम राइज स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के साथ-साथ विद्यार्थियों के समग्र विकास पर भी जोर दिया जाता है।
शिक्षा का डिजिटलीकरण और स्मार्ट क्लासरूम्स
बजट 2024-25 में शिक्षा के डिजिटलीकरण और स्मार्ट क्लासरूम्स के लिये भी विशेष प्रावधान किये गये हैं। आज के दौर में शिक्षा का डिजिटलीकरण अत्यंत आवश्यक हो गया है। स्मार्ट क्लासरूम्स में नवीनतम तकनीकी साधनों का उपयोग करके विद्यार्थियों को रोचक और प्रभावी ढंग से पढ़ाया जा सकेगा। इससे न केवल उनकी पढ़ाई में सुधार होगा बल्कि उनकी तकनीकी समझ भी बढ़ेगी।
कौशल विकास और रोजगार के अवसर
बजट में कौशल विकास के लिये भी विशेष प्रावधान किये गये हैं ताकि हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बन सकें। कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को विभिन्न उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे न केवल उनकी रोजगार की संभावना बढ़ेगी बल्कि वे स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ सकेंगे।
अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि
बजट 2024-25 में अतिथि शिक्षकों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। इससे अतिथि शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह के साथ शिक्षण कार्य कर सकेंगे। अतिथि शिक्षकों का शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान होता है और उनकी उचित मानदेय व्यवस्था से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
आर.टी.ई. के तहत अशासकीय विद्यालयों को सहायता
आर.टी.ई. (शिक्षा का अधिकार) के तहत अशासकीय विद्यालयों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिये भी बजट में प्रावधान किया गया है। इससे अशासकीय विद्यालयों को वित्तीय सहायता मिलेगी और वे भी बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान कर सकेंगे। आर.टी.ई. के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि सभी बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा मिले।
निःशुल्क पाठ्य सामग्री का वितरण
बजट में निःशुल्क पाठ्य सामग्री का भी प्रावधान किया गया है। इससे उन विद्यार्थियों को मदद मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पाठ्य सामग्री खरीदने में सक्षम नहीं हैं। निःशुल्क पाठ्य सामग्री के वितरण से विद्यार्थियों का शैक्षणिक विकास सुचारु रूप से हो सकेगा।
साइकिलों का प्रदाय और अन्य योजनाएं
बजट में साइकिलों का प्रदाय और अन्य योजनाओं के लिये भी प्रावधान किया गया है। इससे विद्यार्थियों को स्कूल आने-जाने में सुविधा होगी और वे नियमित रूप से स्कूल आ सकेंगे। इसके अलावा, विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना, और विकास खण्ड स्तर कार्यालय की स्थापना जैसी योजनाओं के लिये भी बजट में प्रावधान किया गया है।