Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie Review: – Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan का आज रिलीज़ होने का दिन है. यानी Salman Khan का दिन है. सलमान खान ने लगभग साढ़े 3 साल के बाद फुल फ्लेज्ड मूवी से वापसी की है. हालांकि इस फिल्म को देखने के बाद यही समझ आया की इस फिल्म से सल्लू की वापसी नहीं. बल्कि सलमान खान के प्रेमियों के लिए शाप है. Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie सिर्फ़ और सिर्फ सल्लू भाई के फैन ही मजे से देख सकते हैं. एक बात और सल्लू के फैन्स के अलावा भाईजान देखना छोटा मोटा नहीं बल्कि महान ख़तरनाक काम साबित हो सकता है. आगे कई सारे स्पॉइलर्स हो सकते हैं. अपने रिस्क पर ही रिव्यू पढिए. काहे कि दोस्ती बनी रहनी चाहिए. चलिए रिव्यू शुरू करते हैं.
आज Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie Review मैं सबसे पहले तो बुरी चीजो की बात करेंगे. तो सबसे पहले एक्टिंग की बात करते है जो की बुरी नहीं नहीं बेहद बुरी है. सबसे पहले एक्टिंग की बात इसलिए क्योंकि बुरी बातें पहले बोल देनी चाहिए. हालांकि पूरी फिल्म में अच्छी बातें तो हैं ही नहीं. फिल्म में सल्लू यानी सलमान खान के तीन भाई हैं. लव (Love) इश्क़ (Ishq) और मोह (Moh) लव बने हैं सिद्धार्थ निगम (Siddharth Nigam). इश्क़ के रोल में हैं राघव जुयाल (Raghav Jual) और मोह का किरदार निभाया है जस्सी गिल (Jassi Gill) ने. जिन्होंने भर-भर के पूरी फिल्म में ओवर एक्टिंग का तड़का दिया है.
इनके साथ इन तीनो की प्रेमिकाओं ने भी किया है. तीनो की प्रेमेकाओं से आशय शहनाज़ गिल (Shehnaaz Gill), पलक तिवारी (Palak Tiwari) और विनाली भटनागर (Vinali Bhatnagar) के साथ है. इतनी ओवरएक्टिंग आपको बीमार, बहुत बीमार करने के लिए काफ़ी है. उधारंद के लिए आपको बताते है कि मां लीजिए ये लोग कपड़ा होते. और इन्हें निचोड़ने पर 500 लीटर की टंकी तो सिर्फ इनकी ओवर ऐक्टिंग की तरलता से भर जाती. इन ओवेरक्टिंग वाले एक्टर्स से अच्छी एक्टिंग तो खुद सलमान खान ने की है. वो भी तब में खुद आपसे कह रहा हूँ कि सलमान ने ख़ुद ख़राब ऐक्टिंग की है. पर उन तीनो भाई और उनकी प्रेमेकाओं से तो बेहतर है. Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie में उनके 2-3 इमोशनल सीन हैं. हाँ जिसमे रोना धोना भी है. हालाँकि उन सीन को देखकर आपकी हंसी भी छूट सकती है. मुझे तो भरोसा भी नहीं हो रहा था कि यह वही आदमी है जिसने ‘बजरंगी भाईजान’ में काम किया है. फिर अचानक मुझे यह भी यादा आया कि ये वही आदमी है जिसने ‘रेस 3’ में काम किया है.
अच्छा हाँ अब बात करते है पूजा हेगड़े की तो इन्होने अपने किरदार के साथ वाकई में सबसे हटके काम किया है. पूजा हेगड़े ने एक परसेंट भी दर्शकों पर किसी भी प्रकार का कोई अन्याय नहीं किया. पूजा को पूरी फिल्म में स्क्रीन टाइम भी अच्छा ख़ासा मिला. पूजा के भाई का किरदार निभा रहे वेंकटेश की एक्टिंग भी शानदार है. उनके लिए ऐसे किरदार मक्खन की तरह हैं. उनकी पत्नी बनी हैं भूमिका चावला. भूमिका चावला को सालों बाद एक्टिंग करते देखना भी बेहद अच्छा लगा. अरे हाँ उन्हें जानते है आप अभिमन्यु सिंह को जि हाँ अभिमन्जैयु जैसे अच्छे एक्टर से भी फरहाद सामजी ने बुरी ऐक्टिंग करवाने में बिलकुल कसार नहीं छोड़ी, तो आप यह भी समझ लीजिये कि बॉक्सर विजेंदर सिंह क्या ही ऐक्टिंग करेंगे! सबसे बढ़िया काम किया है सतीश कौशिक ने. उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल है ही, बताने की ज़रूरत नहीं है. यहां भी उन्होंने उसी का मुज़ाहिरा पेश किया है.
बस यार एक्टिंग की बात करके मूड खराब सा हो रहा है तो अब न अपन लिखाई पर बात करते है. कोई बुरा भला नहीं कहेगा हां. क्योंकि उन्होंने क्या क्या ही लिखा है, आपको क्या ही बताऊ. फिर भी सुन लीजिए. “जब तुम्हें सच का पता चलेगा, तो तुम सच सुन नहीं पाओगे.” अरे रुको जरा सबर करों ये मैं नहीं कह रहा हूँ मेरे भाई और बहन, ये जो है ये ना उसी मूवी का डायलॉग है जिसकी हम बात कर रहे है. और ये तो कुछ भी नहीं इस तरह के भयानक क्रिन्ज डायलॉग्स की पूरी पिक्चर में भरमार है. हां एक बात जरूर है कि यदि सलमान खान खुद कुछ लिखे तो ना इससे अच्छी स्क्रिप्ट तो लिख ही लेते. वन्दे मातरम किसने लिखा था याद है ना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने तो न बंकिम चन्द्र चटर्जी यदि इस फ़िल्म को देखते ना तो फिल्म देखने के बाद कहते, “ये धरती रहने के लायक़ नहीं बची है”. बात-बात पर फ़िल्म में सुनने को मिलेगा: ‘इंसानियत में है दम, वन्दे मातरम’ ‘ऊपर वाले में है बड़ा दम, वन्दे मातरम’. माने क्यों भाई, हम पर करिए थोड़ा रहम, वन्दे मातरम.
अब इतना बता ही दिया है तो थोडा सा और भी सुनलो भाइयों और उनकी बहनों. अब आपके सामने एक अजब गजब नहीं नहीं अजीब सी लिखाई-डायरेक्शन का नमूना पेश कर देता हूं. एक जगह पर सलमान – वेंकटेश के लिए कहते हैं: “इनके लिए तो हम अपनी जान भी दे देंगे, खुशी-खुशी.” पहले सलमान कहते हैं खुशी-खुशी.” फिर राघव, सिद्धार्थ और जस्सी बारी-बारी से कहते हैं: खुशी-खुशी… अरे भाईजान और उनके भाइयों यदि इतना ही शौक़ था खुशी-खुशी बुलवाने का, तो एक साथ ही सबसे बुलवा देते ना थोडा अच्छा तो लगता. खैर छोडिए एक बन्दा ज़मीन पर बेहोश पड़ा रहता है. उसे होश में लाने के साथ साथ उसमे कूट कूट कर जोश भरने के लिए सब एक साथ सीटी बजाने लगते हैं. फिर क्या आगया जोश और गयी बेहोशी वो उठता है, गुंडों को पीटने लगता है और पीछे से लोग सीटियों का कोरस दे रहे होते हैं. इस बात का कोई सेंस है? फरहाद सामजी को ज़रूर लगा होगा.
अरे सल्लू भाई अब तो समझ जाओ यार ज़माना बदल गया है. सिर्फ़ शर्ट उतारलेने और बॉडी शाडी दिखा देने से पिक्चर अच्छी थोड़ी ना हो जाएगी. ये जो चल रहा है ना ये 2023 चल रहा है, अब आप 2023 में 1985 की फ़िल्म बनोगे तो कैसे काम चलेगा नहीं आप खुद ही बताओ? एक लड़की से प्यार हो गया. फिर उसके परिवार को बचाने पहुंच गए. अकेला आदमी दर्जनों मुस्टंडों का भुर्ता बना दे रहा है. ये सैकड़ों दफ़े हमने बॉलीवुड में देखा है. सिर्फ़ सलमान के एक्शन के दम पर पिक्चर चलानी है, तो कैसे चलेगी? कुछ दिन पहले बॉलीवुड लाइफ ने एक ख़बर छापी थी. इसमें बताया गया था कि अक्षय कुमार फैन्स ने एक ओपन लेटर लिखकर, ‘हेराफेरी 3’ से फरहाद सामजी को हटाने की गुज़ारिश की थी. ‘किसी का भाई किसी की जान’ देखकर लगता है कि ठीक ही गुज़ारिश थी.
इस फ़िल्म को देखने के बाद ‘सच्चे’ सलमान खान फैन्स भी निराश होंगे. आप भी अपना सिर धुनना चाहते हैं, तो जाइए सिनेमाघर और पिक्चर देख डालिए. पर मेरा तो मानना है, थोड़ा दर्शकों पर अत्याचार करिए कम, वन्दे मातरम.