सिवनी: गुजरात की अदालत द्वारा मानहानि से जुड़े मामले में बीते 23 मार्च को राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाई थी, हालाकि सूरत की अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था।
इसके बाद से ही केरल के संसदीय क्षेत्र वायनाड से सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्या से रद्द किये जाने की संभावना राजनैतिक विश्लेषको द्वारा व्यक्त की जा रही थी।
24 मार्च शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी गई। जिसके बाद से ही पूरे भारत में कांग्रेसियों में आक्रोश देखा जा रहा था।
राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने का विरोध करते हुये शुक्रवार की शाम लगभग 6 बजे स्थानीय गांधी चौक शुक्रवारी में कांग्रेसियों ने उग्र प्रदर्शन आरंभ कर दिया।
इस दौरान केन्द्र सरकार व नरेन्द्र मोदी की तानाशाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। भीड़ को तितर बितर करने के लिये वाटर केनन का उपयोग भी किया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी नरेन्द्र मोदी के चित्र में आग लगाने का प्रयास कर रहे तो स्थिति बिगड़ गई और कोतवाली पुलिस ने बल प्रयोग करते हुये लगभग 20 से 25 कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एआईसीसी के सदस्य राजा बघेल, नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान, जिला महामंत्री शिव सनोडिय़ा, प्रवेश बाबू भलोटिया, युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष ओम उपाध्याय, युवा कांगे्रस के जिला अध्यक्ष आनंद पंजवानी, रंजीत यादव, सुधीर जैन, विपिन यादव, सुमित मिश्रा, योगेन्द्र सोनी बाबा, शैलू चन्द्रवंशी, शिबू सेंगर, नमन, अंशुल अवस्थी, अभि यादव, तनवीर खान, विजेन्द्र करोसिया सहित अन्य कांग्रेसियो को पुलिस ने हिरासत में लेकर धारा 151 के तहत कार्यवाही जमानत पर रिहा कर दिया गया।