Navratri Special: देशभर में सोमवार यानी 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई है। गरबा पंडालों से लेकर शहरों में जगह-जगह माता रानी के पंडालों को भी सजाने के साथ माताजी की स्थापना कर दी गई है। इसी बीच विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है। ऐसे में हम मध्य प्रदेश के कुछ विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर पूजन अर्चन करने के बिना नवरात्र अधूरा माना जाता है।
147 साल पुराना भव्य मंदिर
हिंदुओं का प्रसिद्ध त्यौहार नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। इस दौरान मां आदिशक्ति की आराधना की जाएगी। ऐसे में मध्यप्रदेश के कुछ प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों का दर्शन करना चाहिए। ग्वालियर जिले में स्थित मांढरे की माता मंदिर स्थित है। 147 साल पुराने इस मंदिर की स्थापना महाराजा जयाजीराव सिंधिया ने की थी कंपू क्षेत्र के कैंसर पहाड़ी पर बना यह भव्य मंदिर बहुत खास है और इस मंदिर में अष्ट भुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की प्रतिमा अद्भुत और दिव्य है। जिनके दर्शन करने के लिए यहां पर दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं।
9 देवी प्रतिमाओं का तंत्र-मंत्र का चमत्कारिक स्थान
इंदौर के बिजासन माता मंदिर की बात करें तो यहां पर हर साल नवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्तों पहुंचते हैं और मेले का आयोजन भी किया जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर में विराजमान नौ देवी प्रतिमाओं को तंत्र मंत्र का चमत्कारिक स्थान व सिद्धपीठ माना गया है। मंदिर का निर्माण 1760 में शिवाजी राव होल्कर ने करवाया था। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में हजारों भक्तों पहुंचते हैं और मां बिजासन का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

देवास में स्थित है मां चामुंडा तुलजा का दरबार
देवास की मां चामुंडा तुलजा दरबार को एक शक्तिपीठ के तौर पर माना जाता है। यहां देवी के 52 शक्तिपीठ हैं ।देवी का यह मंदिर देश के अन्य शक्तिपीठों पर मां के अवयव गिरे थे, लेकिन टेकरी पर माता का रक्त गिरा था। वहीं रतलाम में श्री कवलका माता मंदिर है। इस मंदिर में स्थित मां कवलका मां काली और काल भैरव की मूर्तियां मदिरापान करती है। माना जाता है कि यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना और यहां पर स्थित माता की मूर्ति बड़ी चमत्कारी है।

दतिया का मां पीतांबरा पीठ बगलामुखी मंदिर
सतना जिले की चित्रकूट पहाड़ी पर स्थित मैहर शारदा मां का मंदिर है। माता के दर्शन के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़ना पड़ती है। इस मंदिर में मैहर माता के अलावा काली दुर्गा, गौरी शंकर, शेषनाग ,काल भैरवी हनुमान आदि भी विराजमान है। इसके अलावा दतिया का मां पीतांबरा पीठ बगलामुखी के सबसे पवित्र मंदिर में से एक माना जाता है 1920 के दशक में स्वामी जी ने इस मंदिर की स्थापना की थी। इस स्थान को तपस्थली भी कहा जाता है। दतिया में ग्वालियर हवाई अड्डे से लगभग 75 किमी और झांसी से लगभग 29 किमी दूर स्थित है।

इंदौर रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर मंदिर के मुख्य शहर में स्थित मां अन्नपूर्णा का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1959 में महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद गिरी महाराज ने करवाया था। उज्जैन शहर शिप्रा नदी के तट पर भैरव पहाड़ियों पर स्थित भैरव पर्वत शक्तिपीठ पवित्र मंदिर है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में नवरात्रि के पर्व के मौके पर श्रद्धालु पहुंचते हैं। मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध माता मंदिर जहां पर नवरात्रि के मौके पर भक्तों का हुजूम देखने को मिलता है।