कानपुर । पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं का असर मैदानी क्षेत्रों पर बरकरार है। जिससे यूपी के मैदानी इलाकों में भी पहाड़ों जैसी गलन का अहसास हो रहा है।
शीत लहर ऐसी है कि लोगों के हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक कड़ाके की सर्दी और कोहरे से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 29 जनवरी तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की उम्मीद है। पूरे उत्तर भारत में अगले पांच दिनों तक ठिठुरन से निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।
वर्तमान में एक ट्रफ रेखा उत्तराखंड के दक्षिणी हिस्सों से उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी से गुजरते हुए उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है। नए पश्चिमी विक्षोभ के आने के बाद दो फरवरी से आसमान में फिर से घने बादल छा सकते हैं और बारिश की संभावना हो सकती है। तब तक सर्दी अपने चरम पर होगी।
UP WEATHER NEWS: यह रहा तापमान
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम रहा। न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 3.8 डिग्री कम रहा। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम 97 प्रतिशत और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता न्यूनतम 68 प्रतिशत दर्ज की गई।
हवा की दिशाएं उत्तर पश्चिम रही जिनकी रफ्तार 4.3 किमी प्रति घंटा रही। बताया कि इस सप्ताह मध्य उत्तर प्रदेश के ब्लॉक एवं जिला स्तर पर आसमान साफ रहने के कारण बारिश की कोई संभावना नहीं है। तथा रात्रि एवं प्रातः काल के समय मध्यम से घना कोहरा एवं ठण्ड/शीत लहर का प्रकोप जारी रहेगा।
अतः किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिचाई, खरपतवार नाशी, कीटनाशी एवं रोग नाशी का छिड़काव करें।