वाराणसी । बड़ागांव बसनी में स्थित प्रदेश के पहले रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क में सोमवार को सुखद नजारा दिखा।
प्रदर्शनी में ग्रामीण महिलाओं के कबाड़ से बनाये गये कलात्मक उत्पाद को देखकर लोगों ने इसकी जमकर सराहना की।
तीन घंटे की प्रदर्शनी और प्रतियोगिता में महिलाओं ने बेकार सामान से सुंदर कलाकृति तैयार करने के साथ-साथ कागज का अस्पताल, घड़ी, शादी के कार्ड बनाए।
घरों में पड़े वेस्ट मेटेरियल से स्वरोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से दो दिवसीय ‘कबाड़ से जुगाड़’ कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट ने किया।
कार्यशाला का शुभारम्भ बलदेव पी.जी. कालेज, बड़ागांव की सहायक प्रो. डॉ. अंशु मिश्रा ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने घरों में पड़ी बेकार वस्तुओं एवं पुराने अखबारों से अपनी कल्पनाशीलता से जीवंत प्रतिभा दिखाई।
कार्यशाला में ग्रामीण महिलाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। हुनर-ए-बनारस की निदेशक पूनम तिवारी ने ग्रामीण महिलाओं की कल्पनाशीलता को सराहा।
प्रदर्शनी में महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिकल्पना व सोच को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया।
प्रतियोगिता में पुराने अखबार से बने घर में गणेश प्रतिमा बनाने वाली राधा वर्मा को प्रथम, शादी के कार्ड से मनमोहक प्रोडक्ट बनाने वाली श्रुति सिंह को दूसरा, कागज से घड़ी बनाने वाली कुमकुम मिश्रा को तृतीय एवं वैष्णव गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
कार्यशाला में विजेता प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य इन्द्रेश कुमार मंगलवार को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक अजय सिंह ने किया।