उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक निजी अस्पताल के डॉक्टर और उसके दो साथियों को दलित नर्स को बंधक बनाकर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के इस मामले में, अस्पताल को भी सील कर दिया गया है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, 20 वर्षीय दलित नर्स पिछले दस महीनों से डॉ. शाहनवाज़ के अस्पताल में कार्यरत थी। शनिवार रात, जब डॉक्टर की पत्नी घर पर नहीं थी, तब डॉक्टर ने नर्स को अपने बेडरूम में बुलाया। नर्स के मना करने पर, अस्पताल के स्टाफ ने उसे ज़बरदस्ती बेडरूम में बंद कर दिया, जहां डॉक्टर ने उसके साथ बलात्कार किया।
पीड़िता की शिकायत और गिरफ्तारी
पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने परिवार को दी, जिसके बाद वे उसे लेकर थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डॉक्टर, एक वार्ड बॉय, और एक अन्य नर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसडीएम ठाकुरद्वारा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंच कर अस्पताल को सील कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। सीएचसी के अधीक्षक डॉक्टर इंतखाब आलम, फार्मासिस्ट कमल सिंह रावत, और आशु गुप्ता की टीम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति का जायजा लिया ताकि अस्पताल सील होने पर मरीजों को शिफ्ट किया जा सके। अस्पताल में लगभग नौ मरीज भर्ती पाए गए। आरोपी डॉक्टर शाहनवाज के पास बीयूएमएस की डिग्री है। फिलहाल मरीजों को शिफ्ट कर अस्पताल को सील कर दिया गया है।
पुलिस का बयान
मुरादाबाद के एसपी ग्रामीण संदीप सिंह मीणा ने बताया कि ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उसकी बेटी एक अस्पताल में नर्स का काम करती है और उसी अस्पताल के डॉक्टर ने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया है। प्रार्थी की शिकायत पर डॉ. शाहनवाज़, वार्ड बॉय जुनैद, और नर्स मेहनाज़ के खिलाफ बलात्कार और एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मेडिकल परीक्षण और साक्ष्य संकलन
पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और साक्ष्य संकलन के मद्देनजर अस्पताल को सील कर दिया गया है। विवेचना के दौरान जो भी साक्ष्य मिलेंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने मुरादाबाद में आक्रोश और चिंता का माहौल बना दिया है।
समाज में उभरते सवाल
इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की नैतिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। दलित नर्स के साथ हुई इस घिनौनी हरकत ने समाज को झकझोर कर रख दिया है।
न्याय की उम्मीद
पीड़िता और उसका परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्यवाही से यह सुनिश्चित होता है कि आरोपियों को उनके कृत्य की सजा मिलेगी। महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता और कड़े कानूनों के बावजूद ऐसी घटनाएं समाज के लिए एक काला धब्बा हैं।
समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहें और ऐसे मामलों में पीड़िता को समर्थन दें। न्याय की उम्मीद के साथ, यह भी आवश्यक है कि समाज में महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।