सिवनी: मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में 30 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस बार जून और जुलाई में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो प्रदेश के लिए एक रिकॉर्ड है। आगामी दिनों में मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि लो प्रेशर चक्रवात के कारण प्रदेश के 21 जिलों में भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है।
सिवनी जिले में सर्वाधिक बारिश
सिवनी जिले में इस वर्ष अब तक 28.50 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो औसत से 9.71 प्रतिशत अधिक है। सिवनी में इतनी अधिक बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वहीं, मंडला में 24.94 इंच बारिश हुई है, जबकि सागर जिले में सबसे कम 17.83 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो औसत से 0.25 प्रतिशत कम है।
भारी बारिश का असर और अलर्ट
मौसम विभाग ने 27 जुलाई से 30 जुलाई तक मध्यप्रदेश के 21 जिलों में भारी से अतिभारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, खरगोन, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सिहोर, सागर, बालाघाट, धार, देवास, सिवनी, मंडला, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और नरसिंहपुर शामिल हैं।
सावधानियां और सलाह
मौसम विभाग ने किसानों, पशुपालकों और आम जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी है। भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो सकता है, जिससे फसलों को नुकसान हो सकता है। पशुओं के लिए सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था करें और आवश्यक खाद्य सामग्री का भंडारण करें।
बरसात का प्रभाव और तैयारियां
भारी बारिश से नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा हो सकता है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। आवश्यक दवाओं और खाद्य पदार्थों का संग्रहण करें और बिजली की आपूर्ति में व्यवधान होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाओं का प्रबंधन करें।
भारी बारिश से होने वाले फायदे
भारी बारिश का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इससे भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होती है, जो आने वाले महीनों में जल संकट को कम करने में मदद करेगा। साथ ही, फसलों के लिए आवश्यक नमी की पूर्ति भी होती है, जिससे फसल उत्पादन में सुधार होता है।
प्राकृतिक आपदाओं के समय सही कदम
प्राकृतिक आपदाओं के समय सही कदम उठाना आवश्यक होता है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। मौसम विभाग की वेबसाइट और स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर ध्यान दें।
जलभराव और ट्रैफिक
भारी बारिश के कारण शहरों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न हो सकती है। वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे सुरक्षित गति से चलें और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें। पैदल यात्रियों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
कृषि क्षेत्र पर प्रभाव
भारी बारिश का सीधा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ता है। फसलों को पानी की अधिकता से नुकसान हो सकता है। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की उचित देखभाल करें और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही, बीज और खाद्य पदार्थों का उचित भंडारण करें।
बिजली और संचार सेवाओं पर प्रभाव
भारी बारिश से बिजली और संचार सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है। बिजली के तारों और खंभों पर पानी गिरने से बिजली गुल हो सकती है। ऐसे में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का प्रबंध करें और महत्वपूर्ण संपर्क नंबरों को संभाल कर रखें।
स्वास्थ्य संबंधित सावधानियां
भारी बारिश के दौरान स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए साफ पानी का उपयोग करें और खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें। आवश्यक दवाओं का संग्रहण करें और बारिश के पानी से बचने का प्रयास करें।
आशंका और सुरक्षा
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आशंका और सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में रहें और आवश्यकता पड़ने पर मदद मांगें।
मध्यप्रदेश में 30 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे सिवनी जिले में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग की चेतावनियों और सुझावों का पालन करें और सुरक्षित रहें। बारिश का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ सकता है, इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।