सिवनी जिला इन दिनों गंभीर जलसंकट की चपेट में है। संजय सरोवर बांध का जलस्तर तेजी से गिरने के कारण सिवनी नगर क्षेत्र एवं इससे जुड़ी ग्रामीण समूह नल जल योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इस संकट से निपटने के लिए कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने रविवार को एक अहम कदम उठाते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ भीमगढ़ डेम, ग्राम गुहना, और सुआखेड़ा इंटेकवेल का निरीक्षण किया।
इंटेकवेल और डेम का किया गया भौतिक निरीक्षण
कलेक्टर जैन ने सिवनी नगरपालिका इंटेकवेल तक डेम के भराव क्षेत्र से चैनल बनाकर जलापूर्ति सुनिश्चित करने, तथा पंप के माध्यम से जल लिफ्टिंग जैसे विकल्पों पर गहन चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन विकल्पों पर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करें, ताकि त्वरित निर्णय लिया जा सके।
बंडोल समूह नल जल योजना को बनाया गया वैकल्पिक स्रोत
ग्राम गुहना स्थित बंडोल समूह नल जल योजना का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर ने वहां निर्माणाधीन जल चैनल की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में लगातार पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य में कोई विलंब न हो।
नगरीय क्षेत्र में पानी की तत्काल आपूर्ति के लिए विशेष निर्देश
जल संकट को देखते हुए कलेक्टर जैन ने नगरपालिका सिवनी को तत्काल राहत देने हेतु बंडोल समूह योजना से जलापूर्ति आरंभ करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक संजय सरोवर बांध का स्तर पुनः सामान्य नहीं होता, तब तक यह वैकल्पिक व्यवस्था प्रभावी रूप से कार्य करे।
भीमगढ़ डेम का स्तर घटा, पेच डेम से पानी लाने की योजना
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर जैन ने भीमगढ़ डेम का भी भौतिक अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भीमगढ़ का जलस्तर अप्रैल माह के पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है। ऐसी स्थिति में पेयजल योजनाओं को प्रभावित होने से बचाने के लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि छिंदवाड़ा जिले के पेच डेम से जलापूर्ति की संभावना तलाशें। इसके लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक कार्रवाई शीघ्र शुरू की जाए।
समन्वय और त्वरित कार्यवाही पर दिया गया विशेष बल
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग, पीएचई, जल निगम, नगरपालिका और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने सभी को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय बनाकर कार्य किया जाए और जल संकट से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
स्थानीय जनसंख्या को राहत देने की दिशा में प्रयास
कलेक्टर जैन के इस सक्रिय दौरे का मुख्य उद्देश्य स्थानीय नागरिकों को पेयजल संकट से राहत देना था। उन्होंने कहा कि जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है। इस हेतु सभी विभागीय अमले को निर्देशित किया गया है कि वे जमीनी स्तर पर कार्य करें और आमजन को कोई असुविधा न हो।
कलेक्टर के आदेशों से उम्मीद की किरण
कलेक्टर सुश्री जैन द्वारा किए गए निरीक्षण और दिए गए निर्देशों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस जल संकट को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने न केवल निरीक्षण किया बल्कि तत्काल निर्णयात्मक आदेश भी दिए, जिससे संकट के समाधान की दिशा में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।
जलप्रबंधन के लिए दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता
वर्तमान संकट से यह स्पष्ट हो गया है कि जल प्रबंधन के लिए केवल तात्कालिक कदम पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति बनाना आवश्यक है। जिले में वर्षा जल संचयन, वाटर रीचार्जिंग, और नदियों के संरक्षण जैसे कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो।