सिवनी । अक्सर हम देखते है कई कई जगहों पर बुजुर्गों के हालात देखकर यह समझना मुश्किल हो जाता है कि ये वही बुजुर्ग है जिनके कांधे पर बैठकर हम सबने इस जहां को देखा , बचपन बिताया , दुनिया को समझा । ऐसा की कुछ दृश्य 25 मई की रात्रि करीब 9.30 बजे सिवनी जिले के बाबरिया रोड़ पर देखने को मिला । 80 साल के बुजुर्ग छगनलाल राहंगडाले सड़क के किनारे लेटे हुए थे लोग आते जाते देख रहे थे , परंतु किसी ने उनसे बात तक करना ठीक नही समझा
उसी दौरान मात्र शक्ति संगठन की उपाध्यक्ष श्रीमती रमा वर्मा वहां से जा रही थी बुजुर्ग को जमीन पर पड़ा देखकर उन्होंने तुरन्त संगठन को खबर दी बुजुर्ग छगनलाल ने संगठन को अपनी कहानी सुनाई वो 3 दिन से ऐसे ही घूम रहे है पर किसी ने इंसानियत का परिचय देते हुए उनकी मदद नहीं कि चूंकि रात ज्यादा हो चुकी थी इसीलिए संगठन ने बुजुर्ग को रात भर के लिए वृद्धाश्रम में लाकर रात्रि विश्राम कराया
26 मई की सुबह यूथ विंग समर्पण युवा संगठन के सक्रिय अध्यक्ष आशीष माना ठाकुर , सदस्य नीलेश एवं मातृशक्ति संगठन के पदाधिकारियों ने बुजुर्ग को उनके गांव बरघाट तहसील के मैली गांव ले जा कर छोड़ा ।
उनके पुत्र ने मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि उनके पिता गुस्सा ज्यादा करते है इसीलिए लड़ाई हो जाती है तब संगठन ने बेटे को समझाया कि अपने पिता के गुस्से को नजरअंदाज कर उन्हें अब बच्चों की तरह पालें क्योंकि दवाओं में नहीं दुआओं में असर होता है क्योंकि अगर इस धरती पर ईश्वर है तो हमारे माता पिता ही है इनके कर्ज को उतार पाना सम्भव नहीं ।
मात्र शक्ति संग़ठन ने खबर सत्ता से बातचीत में सभी लोगो से निवेदन किया कि यदि ऐसे कोई भी व्यक्ति बच्चे महिला हो या पुरुष इस स्थिति में मिलते है तो कम से कम उनसे बातचीत कर परिवार जनों को जानकारी जरूर दे