सिवनी की तासीर समझिए कलेक्टर साहब! मदद के लिए दौड़ पड़ेगा सिवनी

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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सिवनी कलेक्टर के नाम “पत्रकार मनीष तिवारी का एक खुला खत” परम आदरणीय जिला कलेक्टर साहब सादर नमस्कार, एक सामान्य नागरिक के तौर पर आपसे संपर्क नहीं हो पा रहा था इसलिए सोशल मीडिया के जरिए आपको खुला पत्र लिख रहा हूं। यह पत्र सिर्फ मेरी अकेली की भावनाओं का प्रस्तुतिकरण नहीं है बल्कि समाज में रहने वाले हर बुद्धिजीवी शख्स की भावनाओं का प्रगटीकरण है। इन दिनों प्रदेश और देश के साथ जिला भी भयावह त्रासदी के दौर से गुजर रहा है।

आए दिन किसी अपने की मौत की खबर सामने आ जाती है। ऐसे दौर में जिले के मुखिया होने के नाते आपसे अपनी भावनाओं को साझा करने की कोशिश कर रहा हूं। क्योंकि आपके द्वारा इन दिनों एकपक्षीय आदेश जारी किए जा रहे हैं। जिसमें दो तरफा संवाद हो पाना मुमकिन नहीं है।

कलेक्टर सर आपसे कुछ बातें साझा करना चाहता हूं और कुछ सुझाव जो बतौर एक सामाजिक प्राणि हमें मिलते हैं आपके सामने रखना चाहता हूं। सर आप एक चिकित्सक भी रहे हैं इसलिए आप इस संबंध में हमसे अधिक समझते हैं । सर जरूरी है कि दौर में हम युद्धस्तर पर अपनी सारी क्षमताओं, संसाधन, हिम्मत और ताकत से इस विपदा के खिलाफ अपने आप को झोंक दें। उम्मीद है इससे अच्छे नतीजे सामने आएंगे और हम दूसरों के लिए किसी मिशाल की तरह सामने आएंगे।

हिम्मत बढ़ाइए सर

कोरोना काल में आए दिन मृत्यु के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। इन मौतों में से अधिकतर की मृत्यु एक अनजाने भय के कारण हो रही हैं। जरूरी है कि भय के भूत का उपचार किया जाए। लोगों को सुझाव दिए जाएं कि वे कैसे अपनी आंतरिक शक्ति से इस आपदा से उबर सकते हैं।

एक उदाहरण दूं सरपिछले दिनों मेरी मम्मी छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में इस महामारी से ग्रस्त होकर भर्ती थीं। उस कठिन दौर में हम दोनों भाइयों की हालत समझी जा सकती है। इंसान मीडिया में आ रहे समाचारों को देख कितना हतोत्साहित हो जाता है यह इस बात से समझा जा सकता है कि मम्मी कहती थीं कि अस्पताल के आईसीयू में लगी मशीनें बीप-बीप के स्थान पर मरेगी, मरेगी,… बचेगी नहीं…बचेगी नहीं.. ऐसी आवाज करती थी।

इस दौर में हमने मम्मी को लगातार फोन कर उनके नातियों के लिए जीने जैसी बातें कह उनका हौसला बढ़ाया। तकरीबन तीन सप्ताह तक कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के बाद वे अब स्वस्थ होकर घर आ गई हैं। महोदय आप जानते हैं कि कोरोना से गिनती की मौतें हो रहीं हैं। जहां कुछ लोग बीमार हो रहे हैं तो बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ हो भी रहे हैं।

जनसंपर्क के जरिए आप ऐसे लोगों की दास्तानों को समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में उपलब्ध कराइए जिन्होंने कोरोना का खिलाफ जंग जीती हैं जिससे माहौल सकारात्मक होगा। जीवन और मृत्यु न तो आपके हाथ है ना ही किसी और के हाथ लेकिन सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास तो किया जा सकता है।

इंतजाम बढ़ाए जाएं

इन दिनों सोशल मीडिया में जिला अस्पताल की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि अस्पताल में बैड फुल हो गए हैं। कोई बात नहीं सर। हमें और विकल्प तलाशने चाहिए। सभी मरीजों के लिए जिला अस्पताल मात्र विकल्प आ रहा है। जिसके कारण भीड़ बढ़ रही है औऱ उपचार में समस्याएं सामने आ रही हैं। एक सुझाव है सर कि प्रत्येक विकासखंड और बड़े शहरों में उपलब्ध हॉस्टल और निजी उपयोग के भवनों को मरीजों के लिए उपलब्ध करा दीजिए।

हर शहर में आवासीय हॉस्टल हैं जो इन दिनों वीरान पड़े हैं। आप कह कर तो देखिए सर,, हमारे जिले के टेंट हाउस वाले आपको गद्दे, बर्तन, टेंट और दूसरी सहूलियतें उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इन अस्थाई अस्पतालों में उन मरीजों को भर्ती किया जाए जो कम गंभीर हैं। माना संसाधन कम हैं लेकिन इतने भी नहीं। आपके पास पर्य़ात नर्सिंग स्टाफ है। सरकारी औऱ प्राइवेट शिक्षित और अनुभवी चिकित्सक हैं। आप कहिए ये सेवा के लिए न आएं तो कहिएगा। यह भी सच है कि रेमेडेसिविर जैसी दवाओं और ऑक्सीजन की कमी है लेकिन इनके विकल्प भी तो होंगे। उन्हें भी उपयोग करें।

झोलाछाप पर कसें शिकंजा

इन दिनों जिले में कोरोना के साथ-साथ वायरल और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। जिनका उपचार लोग अपने गांवों में झोलाछाप से करा रहे हैं। ये नीम हकीम खतरा ए जान बने हुए हैं। इन पर शिकंजा कसा जाना जरूरी है। इनके कारण भी मामले बढ़ रहे हैं। मर्ज कोई है उपचार कुछ हो रहा है।

दोतरफा संवाद कीजिए

सर सिवनी की खासियत है कि यहां लोग एक इशारे पर मदद के लिए आगे आ जाते हैं। पिछले साल कोरोना और इसके पहले सेना भर्ती जैसे आयोजनों में लोगों ने आगे आकर मदद की थी। हजारों यूनिट रक्तदान होता है। दंगल, मूर्ति स्थापना और दूसरे कार्यक्रमों में हम हमेशा से आगे आते रहे हैं। सिवनी की तासीर समझिए सर और जरा लोगों का साथ मांगकर तो देखिए। हमें बताइए तो…। हम साथ न दें तो कहना।

एक शेर है : तो बेताब है दामन मेरा भरने को लेकिन, हाथ फैलाते हुए मुझे ही हया आती है। सर ये झिझक छोड़िए। कहिए तो नहीं तो हम समझेंगे कैसे। सर अपनी क्षमताओं को पहचानिए। लोगों से जुड़िए। सुझाव लीजिए। मदद लीजिए। कह कर तो देखिए। कैसे वैल्डिंग वाले अपने सिलेंडर नहीं देते। कैसे राजनेता अपने कार्यकर्ताओं को नहीं झोंक देते। कैसे समाजसेवी आगे नहीं आते। दिनेश राय जैसे विधायक अपनी ओर से प्रयास शुरु भी कर चुके हैं। कैसे मीडियाकर्मी, पत्रकार सकारात्मक वातावरण नहीं बनाते। आप एक हाथ तो बढ़ाइए। संवाद तो कीजिए। आजकल तो वीडियो कॉलिंग जैसे विकल्प मौजूद हैं।

बिना संवाद बात बनने से रही। खत काफी लंबा हो गया लेकिन दिल में उबल रहा था इसलिए लिख दिया। अब आपकी मर्जी है कि आप हालात बदल सकते हैं। आपको तय करना है कि आप हम 13-14 लाख लोगों के कलेक्टर हैं या सिर्फ अपनी फोन बुक में सेव चंद कांटेक्ट के। नहीं तो हम तो जैसे जी रहे हैं जीते रहेंगे। कोशिश करते रहेंगे। देखते रहेंगे अपनों को बिछुड़ते हुए। – आपका एक आम नागरिक ” मनीष तिवारी”

(पाठक अपने महत्वपूर्ण सुझाव बिना आरोप प्रत्यारोप लगाए कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं। जिला अपना है लोग अपने हैं )

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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