सिवनी, खबर सत्ता : पेंच नेशनल पार्क से लगे दक्षिण सामान्य वन मण्डल की बिछुआ बीट परिक्षेत्र में बाघ लगातार मवेशियों का शिकार कर रहा है। इससे सांवरीरीड, खातिटोला सहित आसपास के गाँवों के ग्रामीण दहशत में आ गये हैं। रविवार शाम बाघ ने एक बैल को अपना शिकार बनाया। इसके दो दिन पहले सांवरीरीड रोड पर बैल व एक दिन पहले सांवरीरीड गाँव में ही बाघ ने बकरी का शिकार किया। तीन दिनों से लगातार बाघ मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है।
महिला के सामने बैल ले गया बाघ
रविवार शाम लगभग साढ़े 05 बजे ग्रामीण संजय उईके की पत्नि जंगल की पगडण्डी से अपने दोनों बैलों केा लेकर जा रही थी। एक बैल महिला के आगे चल रहा था जबकि दूसरा कुछ दूरी पर था। अचानक दूर चल रहे बैल के चिल्लाने की आवाज सुनकर महिला ने देखा तो बाघ बैल को घसीटते हुए जंगल की ओर ले जा रहा था। यह नज़ारा देख महिला भागते हुए गाँव पहुँची। ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी, लेकिन रात हो जाने के कारण ग्रामीण जंगल की ओर नहीं गये।
सुबह मिला बैल के शरीर का आधा हिस्सा
सोमवार सुबह ग्रामीण बैल की तलाश करने जंगल की ओर पहुँचे। वन परिक्षेत्र कक्ष क्रमाँक पीएफ 254 के पास बैल के शरीर का आधा भाग मिला। शरीर के शेष भाग को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी सी.एम. सनोड़िया को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुँचे बीट गार्ड रमेश वर्मा ने बैल की क्षति पूर्ति राशि दिलाये जाने का प्रकरण बनाने के बाद बैल के शेष अवशेष को जलाने की कार्यवाही की।
इंसानों के साथ बाघ को भी है खतरा
बाघ के लगातार इंसानी बस्तियों में घूमने के कारण न सिर्फ इंसानों, मवेशियों को ही खतरा नहीं है बल्कि बाघों पर भी संकट मण्डरा रहा है। जिला मुख्यालय से लगे हिस्सों में नवंबर की शुरुआत में बाघ के घूमने के निशान लगातार मिलते रहे हैं। इसके साथ ही कुरई क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में भी बाघ लगातार देखा जा रहा है। ऐसे में बाघ को खतरा बढ़ गया है। प्रशासन के विभिन्न विभाग अपनी सीमा क्षेत्र की बात करते हुए जिम्मेदारी लेने से कतराते रहते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि आपसी समन्वय से बाघों को इंसानी क्षेत्र में आने से रोका जाये। वैसे भी बीते दिनों में जिले में शिकार के कई मामले सामने आ चुके हैं।