सिवनी-बालाघाट मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण की विकराल समस्या: सिवनी जिले के बालाघाट मुख्य मार्ग के किनारे तक फैले अवैध अतिक्रमण ने एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। खासकर धारनाकला बस स्टैंड क्षेत्र में यह अतिक्रमण यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहा है। यहां अवैध कब्जे के चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें न केवल लोग घायल हो रहे हैं, बल्कि कई जानलेवा घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। इसके बावजूद, प्रशासन की मौन स्वीकृति और उदासीनता ने इस समस्या को और बढ़ावा दिया है।
प्रशासनिक कार्रवाई में देरी का कारण
137 अवैध अतिक्रमण चिन्हित
जिला कलेक्टर के निर्देश पर, तहसीलदार बरघाट और अन्य प्रशासनिक विभागों ने 137 अवैध अतिक्रमणों को चिन्हित किया। इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए संयुक्त दल ने सीमांकन कार्य किया और पटवारी द्वारा प्रतिवेदन सौंपा गया। लेकिन, एक माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। नोटिस तक जारी नहीं किए गए, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई मात्र औपचारिकता बनकर रह गई है।
भू-माफियाओं की नजर शासकीय जमीन पर
बस स्टैंड क्षेत्र में शासकीय भूमि का दुरुपयोग
धारनाकला बस स्टैंड और मुख्य मार्ग के पास स्थित शासकीय जमीन की मौजूदा कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई है। इस भूमि पर भू-माफियाओं और स्थानीय लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। कुछ स्थानों पर पक्के निर्माण कार्य तक हो चुके हैं। पटवारी द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह साफ उल्लेख किया गया है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में भू-माफिया प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं।
चार से पांच हजार रुपये प्रति वर्गफीट कीमत
धारनाकला के मुख्य मार्ग से लगी भूमि की कीमत वर्तमान में चार से पांच हजार रुपये प्रति वर्गफीट तक पहुंच चुकी है। इस उच्च बाजार मूल्य के कारण भू-माफियाओं की नजर इस क्षेत्र पर बनी हुई है। वे शासकीय जमीन पर अवैध निर्माण करके इसे निजी संपत्ति की तरह बेच रहे हैं।
अवैध अतिक्रमण का प्रभाव और यातायात बाधा
यातायात में बढ़ती समस्याएं
मुख्य मार्ग पर फैले अतिक्रमण के कारण वाहन चालकों को सड़क पर चलने में परेशानी हो रही है। सड़क के किनारे तक अतिक्रमण के चलते यातायात बाधित हो रहा है। दुर्घटनाओं में वृद्धि और लोगों की जान-माल का नुकसान हो रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी
धारनाकला क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यह अवैध कब्जा न केवल लोगों के लिए जोखिम पैदा कर रहा है, बल्कि जिले की प्रशासनिक साख को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
प्रशासन की लापरवाही
काली पट्टी बांधे प्रशासन
अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के प्रयास असफल साबित हो रहे हैं। जिले में शासकीय जमीन से अवैध कब्जा हटाने की मुहिम चल रही है, लेकिन बरघाट क्षेत्र में इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। प्रशासनिक विभागों की धीमी गति और उदासीनता से भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
संवेदनशील जिला कलेक्टर की भूमिका
क्या संस्कृति जैन करेंगी ठोस कार्रवाई?
सिवनी जिले की जिला कलेक्टर संस्कृति जैन ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है, उन्होंने कहा “इस सम्बध्द मे मै जरूर देखती हू की अब तक कार्यवाई क्यो नही हुई”। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस बार प्रशासन मुख्य मार्ग पर फैले अतिक्रमण को हटाने में सक्षम हो पाएगा या फिर यह समस्या एक बार फिर अनदेखी का शिकार बन जाएगी।
सिवनी-बालाघाट मुख्य मार्ग पर फैला अतिक्रमण प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर रहा है। इसे केवल प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सख्त कार्रवाई से रोका जा सकता है। अवैध कब्जों को हटाना न केवल यातायात सुधारने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह जिले के विकास और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।