मीसाबंदी पेंशन बंद, विरोध चालू

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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सरकार के निर्णय के विरोध में सौंपेंगे ज्ञापन

25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक देश में इंदिरा काँग्रेस के द्वारा लगाये गये आपात काल के दौरान एमआईएसए मीसा, डीआई के तहत जेलों में निरूद्ध कर रखे गये लोगों को प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा उन्हें लोकतंत्र सेनानी की श्रेणी में रखा जाकर निरूद्ध अवधि के आधार पर उन्हें जय प्रकाश नारायण सम्मान निधि प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान सुनिश्चित किया गया था, जो प्रदेश की नयी सरकार द्वारा समीक्षा किये जाने के नाम पर फिलहाल रोक दी गयी है।

लोकतंत्र सेनानी संगठन के द्वारा प्रदेश सरकार के इस निर्णय के विरोध में कल 07 जनवरी को जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा जायेगा और उनसे प्रदेश सरकार द्वारा लगायी गयी सम्मान निधि की रोक को बहाल किये जाने की माँग की जायेगी।

संगठन के जिला अध्यक्ष सुदर्शन बाझल द्वारा मीडिया प्रभारी के माध्यम से जारी की गयी विज्ञप्ति में उक्ताशय के साथ कहा गया है कि 25 जून 1975 को पूरे देश में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नेत्तृत्व में चलाये गये आंदोलन को कुचलने के लिये यह आपात काल लागू किया गया था और पूरे देश के काँग्रेस विरोधी राजनैतिक दलों के नेताओं उनके कार्यकर्त्ताओं विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाकर उनके पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था।

संगठन के मीडिया प्रभारी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान जब विरोधी नेताओं, कार्यकर्त्ताओं और प्रतिबंधित संगठनों के लोगों को जेलों में बंद किया जा रहा था तो उस समय कई लोगों के साथ बड़ा ही अमानवीय व्यवहार भी किया गया। पुलिस द्वारा लोगों को थानों में लॉकप में बंद किया जाकर बुरी तरह पीटा गया, जब व्यक्ति ने पीने को पानी माँगा तो उसे पानी की बजाय पेशाब तक पिलायी गयी थी।

विज्ञप्ति के अनुसार इतना ही नहीं जेलों में बंद मीसा बंदियों को यातना देने के उद्देश्य से जेलों के गुनाह खानों में तक बंद रखा गया था। इतना ही नहीं इस बंदी के दौरान उन्हें जेलों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवायी गयी थी। परिणाम स्वरूप सिवनी नगर के एक होनहार युवक सोमनाथ हेडाऊ की जेल में चिकित्सा सुविधा समय पर न मिलने के कारण मृत्यु तक हो गयी थी। यातना की पराकाष्ठा ऐसी थी कि उस समय जेल में निरूद्ध सिवनी जिले के एक मीसा बंदी गनपत बेसले की पत्नि का देहावसान हो गया था, लेकिन उन्हें अंतिम संस्कार हेतु पैरोल (जेल से छोड़ने की अनुमति) नहीं दी गयी थी।

विज्ञप्ति के अनुसार जो लोग जेलों में बंद थे उनमें कोई डॉक्टर था, कोई वकील तो कोई व्यापारी और जो युवा थे उनमें से अधिकांश हाई स्कूल या महाविद्यालय के विद्यार्थी थे। लगभग 19 माह की इस मीसा बंदी के दौरान इन सब का कारोबार और भविष्य प्रभावित हुए बिना नहीं रहा।

विज्ञप्ति के अनुसार अब यदि प्रदेश सरकार ने आपातकाल के इन पीड़ित और प्रभावित लोगों को सम्मान निधि देने के साथ ही यदि उन्हें लोकतंत्र सेनानी की उपाधि दी है तो भला यह कैसे अनुचित कहा या माना जा सकता है। फिर सरकार ने ये फैसले सदन की अनुमति से लिये हैं और उसके लिये बजट का प्रावधान भी सुनिश्चित कर रखा है।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय होगा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि देने के लिये 60 करोड़ रूपये का जो प्रावधान किया गया है वह पूरा खर्च भी नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की नयी सरकार का यह दावा गलत साबित हो जाता है कि इसमें बजट से अधिक की राशि खर्च की जा रही है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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