सिवनी। गर्मी के आते हैं आगजनी की घटनाएं अधिकतर देखने को मिलती है मुख्य रुप से अगर फसल छती होती है तो इसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर तो पड़ता ही है किसान कंगाल हो जाता है।
सरकार विद्युत वितरण कंपनी से किसी भी प्रकार की छति पूर्ति राशि नही दिलवा पाती। जिले के अरी थाना अंतर्गत मंगलवार दिनांक 5 अप्रैल 2022 को आमागढ़ क्षेत्र में आगजनी की दो घटना घटी दोनों ही घटनाओं में विद्युत वितरण कंपनी की लापरवाही सामने आने और इस मामले में लापरवाही बरते जाने का आरोप किसानों ने लगाया है।
किसानों ने बताया कि जिसमें 8 से 10 एकड़ खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई है। पहली घटना ग्राम पखारा में घटी जहां पखारा एवं आमागढ़ के किसानों के खेत में बिजली के तारों से निकली चिंगारी ने फसल को राख कर दिया जिसमे संतलाल , तिलक चंद चंद्रवंसी अवध चौरसिया की फसल जली है।
वहीं दूसरी घटना आमागढ़ और टिकारी के मध्य किसानों के खेत में बिजली की चिंगारी से ही लगी जिसमें 4 से 5 किसानों की गेहूं की फसल राख हो गई है। इस प्रकार लगभग 10 एकड़ की फसल अग्नि की भेट चढ़ गई।
मौके पर पहुचा राजस्व अमला – आमागढ़ पटवारी श्रीमति सरोज मरावी ने दोनों मामलों का पंचनामा तैयार कर लिया है। किसानों ने बताया कि बिजली से आग लगने का मुख्य कारण लिखवाया गया है। इधर किसानों को आशा है कि विद्युत वितरण कंपनी से हुई छति पर शासन प्रशासन उन्हें छतिपूर्ति राशि दिलवाएगा ।
मनमानी रुपये वसूल कर दिए गए है कनेक्शन – ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण कंपनी ने प्रति कनेक्सन 40 से ₹50 हजार रुपये की राशि लेकर विद्युत कनेक्शन प्रदाय किए हैं बगैर खम्बो के अब झूलते हुए तारों में आग लगने का कारण बन रहे हैं।
अचानक विद्युत प्रबाह हुआ था चालू – पीड़ित किसानों ने बताया कि कल अचानक विद्युत प्रवाह चालू किया गया जिसके चलते दो जगह आगजनी हुई।जबकि विगत कई दिनों से दूसरी शिफ्ट मेआपरेटर के द्वारा विद्युत प्रवाह किया जाता था। पर घटना दिनांक को दिन में कृषि बिजली अचानक चालू गयी थी ।
पिछले 9 माह से कंप्लेंट रजिस्टर नहीं है
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओ की सुविधा हेतु केंद्रों पर कंप्लेंट रजिस्टर रखा जाता है परंतु आमागढ़ क्षेत्र के सब स्टेशन (कम्पलेण्ड केंद्र )में पिछले 9 माह से कोई कंप्लेंट रजिस्टर उपलब्ध नहीं है ।जिस कारण कोई भी उपभोक्ता अपनी कंप्लेंट दर्ज नहीं करा रहा है। सब स्टेशन पर ऑपरेटर स्टॉप का कहना है कि विगत दिनों जब रजिस्टर पूर्ण हो गया तो इसकी सूचना जूनियर इंजीनियर आनंद गोरई एवं विभाग को को दी गई थी।
परंतु आज तक कंप्लेंट रजिस्टर उपलब्ध नहीं हुआ जिस किसी उपभोक्ता को अपनी कम्पलेण्ड दर्ज करवाना होता है वह सीधे लाइनमैन डीसी शरणागत के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर उन्हें कम्पलेण्ड करता है। लक्ष्मी भगत लाइनमैन अपनी सुविधानुसार उस कंप्लेंट को अटेंड करता है।
पांच बजे के बाद संबंधित लाइनमैन डी सी शरणागत किसी फोन को अटेंड नही करते ।वही मासिक भुगतान फिक्स कंपनियों के लिए सारी रात काम करते हुए अनेको बार देखे गये है ।
जवाब देना भूल गए जूनियर इंजीनियर
ग्रामीण क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर से इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आर टी आई जागरुकता संगठन के प्रांतीय सदस्य एवं भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी महेश चौरसिया ने जानना चाहा कि आमागढ़ में कंप्लेंट रजिस्टर पिछले कई दिनों से उपलब्ध नहीं है तो आपका कहना था मैं दिखाता हूं। परंतु अब जूनियर इंजीनियर ने फोन रिसीव करना ही बंद कर दिया है। न ही लाइनमैन फोन उठा रहे है।
50हजार लेकर लगा ट्रांसफार्मर
आमागढ़ क्षेत्र में इन दिनों विद्युत वितरण कंपनी की किसानों से जमकर लूटपाट चल रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। रोड बनाने वाली MBL कंपनी में एक ट्रांसफार्मर लगाया गया है जिसमें आमागढ़ के किसानों से ₹50 हजार रुपयों की बड़ी राशि जमा करवाई गई है ।
जिसकी कोई रशीद या हिसाब विद्युत वितरण कंपनी या संबंधित लाइनमैन नहीं दे रहे हैं। हालांकि ट्रांसफार्मर की वसूली राशि मे विद्युत विभाग के आला अफसरों का भी हाथ बताया जा रहा है।
लोगों की माने तो 50,000 /-रुपयों की राशि विद्युत विभाग के ग्रामीण छेत्र कार्यालय सिवनी में किसानों को बुलवाकर नगद जमा करवाई गई है । जिसकी किसी भी किसान को इसकी कोई रसीद नहीं दी गई है। फिर भी किसानों को पूर्ण भरोसा है कि उनके साथ किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नही हुई है ।
चार माह बाद भी नही हुआ कनेक्सन
आमागढ़ में,पी एच ई विभाग के सहयोग से ग्राम-ग्राम पेय जल प्रदाय किये जाने वाले शुद्ध पेयजल का भावी निर्माण कार्य तो पूरा पिछले चार माह से हो चुका है पर विद्युत विभाग की बगैर अनुमति के कनेक्शन लेना संभव नही हो पा रहा है ।ठेकेदार शिशिर जैन ने बताया कि विभाग ऑन लाइन कार्य पूर्ति नही कर पा रहा है जिस कारण लोगो के कंठ सूखे है। इतनी घोर लापरवाही मानव अधिकारों का हनन है जिन पर तत्काल जांच होना अनिवार्य है।