सिवनी: खेतों में घूम रहे घायल नर बाघ का सफल रेस्क्यू, वन विहार भोपाल भेजा गया

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सिवनी: खेतों में घूम रहे घायल नर बाघ का सफल रेस्क्यू, वन विहार भोपाल भेजा गया

सिवनी जिले के दक्षिण सामान्य वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छुई (कान्हीवाड़ा) एवं आसपास के गांवों के किसानों और ग्रामीणों के लिए पिछले कुछ दिनों से चिंता का विषय बना घायल नर बाघ आखिरकार रेस्क्यू कर लिया गया है। यह बाघ बीते एक सप्ताह से लगातार मक्का के खेतों में घूम रहा था, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल था।

बुधवार शाम को पेंच टाइगर रिजर्व की चिकित्सकीय टीम ने डॉ. अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में इस बाघ को सफलतापूर्वक बेहोश कर पकड़ा। बाघ की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी और जैसे ही वह छुई गांव के मक्का के खेत में दिखाई दिया, तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

बाघ के पंजे की गंभीर चोट से उजागर हुआ शिकार करने में असमर्थता का कारण

जांच के दौरान यह सामने आया कि बाघ का एक पंजा पूरी तरह से कटा हुआ है, जिससे वह जंगल में अपने शिकार को पकड़ने में पूरी तरह असमर्थ था। यही कारण था कि वह आसपास के गांवों में भोजन की तलाश में भटक रहा था और लगातार खेतों की ओर रुख कर रहा था।

वन विभाग के अनुसार, बाघ की शारीरिक हालत देखकर यह स्पष्ट हुआ कि उसे दोबारा जंगल में छोड़ना सुरक्षित नहीं है। बाघ की इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल भेजने का निर्णय लिया गया।

रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाली टीम

इस जटिल और संवेदनशील रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग, पेंच टाइगर रिजर्व, स्थानीय वन अमला और चिकित्सकीय टीम ने आपसी समन्वय से बड़ी सूझबूझ के साथ कार्य किया। डॉ. अखिलेश मिश्रा, जो इस टीम का नेतृत्व कर रहे थे, ने बताया कि बाघ को बेहोश करने के लिए सटीक डार्टिंग तकनीक का उपयोग किया गया और उसकी सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।

ग्रामीणों की सतर्कता और वन विभाग का त्वरित एक्शन

छुई गांव के ग्रामीणों ने भी इस पूरे घटनाक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांव वालों ने समय-समय पर वन विभाग को बाघ की लोकेशन की सूचना दी, जिससे रेस्क्यू टीम को उसे पकड़ने में काफी मदद मिली। कई किसानों ने बताया कि उन्होंने बाघ को मक्का के खेतों के पास कई बार घूमते देखा, लेकिन डर के बावजूद वे सतर्कता के साथ उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए रहे।

वन्यजीव संरक्षण के लिए यह रेस्क्यू एक महत्वपूर्ण कदम

यह रेस्क्यू न सिर्फ एक मानव-वन्यजीव संघर्ष को टालने में सहायक सिद्ध हुआ है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है। घायल बाघ को यदि समय रहते न पकड़ा जाता, तो न सिर्फ उसकी जान को खतरा था, बल्कि गांवों के लोगों के लिए भी यह घातक साबित हो सकता था।

वन विभाग के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में प्रभावी निगरानी और शीघ्र कार्रवाई ही एकमात्र समाधान है, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ मानव जीवन भी सुरक्षित रह सके।

वन विहार भोपाल में होगा बाघ का उपचार और पुनर्वास

अब यह बाघ वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में विशेषज्ञों की निगरानी में रहेगा, जहां उसका चिकित्सकीय उपचार किया जाएगा और उसकी शारीरिक स्थिति में सुधार लाकर उसे उपयुक्त माहौल में पुनर्वासित किया जाएगा। वन विहार में पहले से ही ऐसे घायल और असमर्थ वन्यजीवों को रखने, उनका इलाज करने और उन्हें संरक्षित माहौल देने की सुविधा मौजूद है।

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की अपील

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि यदि वे किसी भी वन्यजीव को गांवों के आसपास घूमते देखें, तो तुरंत नजदीकी वन विभाग कार्यालय को सूचित करें और खुद किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करें। इससे वन्यजीवों की जान भी बचाई जा सकती है और किसी भी दुर्घटना से भी बचा जा सकता है।

बाघों के रहवास क्षेत्र में बढ़ती मानवीय दखलंदाजी का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों के प्राकृतिक रहवास क्षेत्रों में हो रही मानव गतिविधियों की बढ़ोतरी, जंगल की कटाई और खाद्य स्रोतों की कमी के कारण ही बाघ जैसे जानवर गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। यह प्राकृतिक संतुलन के लिए गंभीर खतरा है। इसके समाधान के लिए आवश्यक है कि जंगलों की रक्षा, वन्यजीवों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था तथा संरक्षण नीति को और सशक्त बनाया जाए।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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