सिवनी : आज दिनांक 30-05-2020 को पेंच टाइगर रिजर्व के जलाशय मे बोट गश्ती दल द्वारा बकराकस्सा टापू पर गष्ती करने के दौरान स्टाफ को परिक्षेत्र कर्माझिरी अन्तर्गत बायसन बीट के कक्ष क्र0 588 मे एक नर बाघ शावक मृत अवस्था मे मिला, जिसकी सूचना परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा उपसंचालक एवं क्षेत्र संचालक को दी गयी।
क्षेत्र संचालक द्वारा तत्काल उपसंचालक एवं वन्यप्राणी चिकित्सक को मौके पर पहुंचने हेतु निर्देशित कर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) तथा अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) को सूचना दी गयी। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के सहायक महानिरीक्षक श्री हेमंत कामडी को सूचित किया गया। उनके द्वारा एन.टी.सी.ए. के प्रतिनिधि के रूप मे उप वनमण्डलाधिकारी श्री राकेष कुडापे को मनोनीत किया गया। बोट द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर मृत बाघ शावक का अवलोकन किया गया एवं उसकी पहचान देखी गयी।
यह बाघ टी-15 (कालरवाली) बाघिन के 8 वे लिटर की 27 दिसम्बर 2018 को पैदा हुआ तीसरा शावक टी-1583 है। लगभग 17 माह के इस बाघ शावक की मृत्यु लगभग 5 दिन पूर्व मौके पर देखने पर परिलक्षित होती है। अभी हाल ही मे टी-21 बाघ, जो इन बच्चों का पिता था]की मृत्यु 04 अप्रैल 2020 को होने के उपरांत इस क्षेत्र मे 01 अन्य वयस्क बाघ की उपस्थिति लगातार कालरवाली बाघिन के क्षेत्र मे दिखती रही है]जिसके कारण कालरवाली बाघिन शावकों को कई स्थानों पर स्थानांतरित करती रही है।
सम्भवतः इसी कडी़ मे कालरवाली अपने तीनो शावकों के साथ इस टापू पर आयी थी। जिसके प्रमाण टापू पर बाघिन एवं शावकों के काफी अधिक संख्या मे दिख रहे पद चिन्हों से स्पष्ट होता है। आज दिनांक 30-05-2020 को बकरा कस्सा टापू के बगल वाले बड़ टापू से कालरवाली बाघिन को अन्य 02 शावकों के साथ तैरकर कर्माझिरी क्षेत्र के कुम्भादेव बीट मे आते हुये देखा गया है। कालरवाली बाघिन को पूर्व मे भी अपने शावकों को बचाने मे चोट ग्रस्त होते हुये देखा गया है।
और अभी हाल ही मे उसके अगले बायें पैर मे दिनांक 26-05-2020 को घाव देखा गया है जो कि अन्य बाघ से लडाई के कारण होना दिखाई देता है। वन्यप्राणी चिकित्सक के द्वारा शव परीक्षण के दौरान प्रयोगशाला अन्वेषण हेतु सैम्पलो को एन.टी.सी.ए. प्रोटोकाल के अनुसार संरक्षित किया गया। शव परीक्षण के दौरान बाघ शावक के सम्पूर्ण अंग सुरक्षित पाये गये। शव परीक्षण उपरांत क्षेत्र संचालक, उपसंचालक वन्यप्राणी चिकित्सक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि श्री राकेश कुडापे के समक्ष मृत बाघ को सम्पूर्ण अवयवों (सैम्पल को छोडकर) के साथ दाह संस्कार किया गया।