सिवनी जिले की ड्रीमलैंड सिटी कॉलोनी, जो डोरली छतरपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है, एक बड़े घोटाले का केंद्र बनी हुई है। कॉलोनाइजर ने कॉलोनी में रहने वाले लोगों से किए गए वादों को न केवल तोड़ा, बल्कि EWS (Economically Weaker Section) के लिए आरक्षित भूमि पर भी हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का गबन किया।
शिकायतकर्ता श्री सोनू खुशलानी एवं अन्य निवासी द्वारा विधायक श्री दिनेश राय मुनमुन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कॉलोनाइजर पर विकास कार्यों को अधूरा छोड़ने एवं कमजोर वर्ग के लिए निर्धारित भूखंडों को हड़पने का आरोप लगाया गया। इस शिकायत के आधार पर मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की गई है।
कॉलोनाइजर पंकज मालू द्वारा नियमों का उल्लंघन
ड्रीमलैंड सिटी कॉलोनी के कॉलोनाइजर पंकज मालू (रामदेव बाबा पद्मावती डेवलपर्स सिवनी) ने कमजोर वर्गों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की कमाई की। नियमानुसार EWS के लिए आरक्षित भूमि को विकसित कर सक्षम प्राधिकारी को सौंपना अनिवार्य था, लेकिन कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया।
EWS भूखंडों की अवैध बिक्री
जांच में पाया गया कि EWS के लिए आरक्षित भूमि को कॉलोनाइजर ने अन्य लोगों को बेच दिया। पहले यह भूमि गोपाल चांडक नामक व्यक्ति को बेची गई और बाद में इसे पांच अन्य व्यक्तियों को पुनः बेच दिया गया। यह टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
EWS भूखंड पर बनी अवैध सड़क
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कॉलोनाइजर ने EWS भूखंड पर कॉलोनी की सड़क भी बना दी, जो पूर्ण रूप से अवैध है। यह कमजोर वर्गों के हक पर खुला अतिक्रमण और सरकारी नियमों की अवहेलना है।
शिकायत के मुख्य बिंदु
- विकास कार्य अधूरे छोड़ना – कॉलोनाइजर द्वारा किए गए वादों के अनुरूप कॉलोनी में आधारभूत सुविधाएं प्रदान नहीं की गईं।
- ईडब्ल्यूएस (EWS) श्रेणी के भूखंडों की हड़प – समाज के कमजोर वर्गों को आवंटित भूखंडों का अन्य उपयोग में लाना।
- प्रस्तावित लेआउट के नियमों का उल्लंघन – कॉलोनी के मास्टर प्लान के अनुसार निर्माण न होना।
- विक्रय प्रक्रिया में अनियमितता – ईडब्ल्यूएस के भूखंडों को अन्य व्यक्तियों को बेचना।
जांच रिपोर्ट का अवलोकन
जांच में राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी द्वारा मौके पर निरीक्षण किया गया, जिसमें निम्न निष्कर्ष निकाले गए:
1. कॉलोनी का कुल क्षेत्रफल एवं प्लाटिंग
- ड्रीमलैंड सिटी डोरली छतरपुर का कुल क्षेत्रफल 67551.30 वर्गमीटर है।
- इसमें से 15% (10132.70 वर्गमीटर) और 25% (2533.17 वर्गमीटर) का हिस्सा समाज के कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित था।
- ईडब्ल्यूएस श्रेणी में G+2 निर्माण की योजना थी, जिसमें कुल 116 आवासीय इकाइयाँ प्रस्तावित थीं।
- लेकिन मौके पर कोई निर्माण नहीं पाया गया और यह क्षेत्र रिक्त था।
2. कॉलोनाइजर द्वारा विकास कार्यों की स्थिति
- कॉलोनाइजर श्री पंकज मालू, फर्म – मेसर्स रामदेव बाबा पद्मावती डेवलपर्स सिवनी को लाइसेंस प्राप्त था।
- समाज के कमजोर वर्गों के लिए निर्धारित भूमि पर कोई निर्माण नहीं किया गया।
- ईडब्ल्यूएस भूखंडों की भूमि का अप्रोच रोड में उपयोग कर लिया गया।
3. भूमि विक्रय प्रक्रिया में अनियमितता
- भूमि विक्रेता: गोपाल चांडक पिता हरिकिशन चांडक (आधार नं: XXXX XXXX 9115, PAN: XXXXXX453D)
- क्रेता: जयेंद्र कुमार श्रीवास्तव पिता गजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव
- नामांतरण प्रक्रिया के बाद भूमि के खसरा नंबर बदले गए और भूखंड अन्य व्यक्तियों को बेचे गए।
क्रेताओं की सूची:
- राजेश कुमार पिता तुलसीराम मिश्रा – 1950 वर्गफुट
- प्रमिला तिवारी पत्नी रामपाल तिवारी – 1950 वर्गफुट
- विजय प्रकाश मिश्रा पुत्र बालकृष्ण मिश्रा – 2275 वर्गफुट
- रीना गुप्ता पत्नी राजेश गुप्ता – 1657.5 वर्गफुट
- श्रीमती अलीना फरहत पत्नी काशिफ खान – अज्ञात क्षेत्रफल
4. नियमानुसार उल्लंघन
- ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षित भूमि को अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया।
- यह टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अनुमोदित अभिन्यास एवं शर्तों का उल्लंघन है।
सरकार से अपेक्षित कार्यवाही
- भूमि का पुनः अधिग्रहण और पुनर्निर्माण: सरकार को अनधिकृत रूप से बेची गई भूमि को वापस लेना चाहिए।
- कॉलोनाइजर पर कानूनी कार्यवाही: इस अनियमितता के लिए कॉलोनाइजर पर धोखाधड़ी और अनुबंध उल्लंघन का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
- समाज के कमजोर वर्गों को उनका अधिकार दिलाना: ईडब्ल्यूएस आवासीय योजना को पुनः लागू किया जाए।