बरघाट, सिवनी: जहां एक तरफ राशन दुकानों के माध्यम से गरीबों को मुफ्त का राशन मिल रहा है किन्तु क्या वास्तविक में जिन्हें मुफ्त का राशन मिल रहा है वे गरीब राशन दुकान से मिलने वाले चावल का उपयोग कर रहे हैं? जी नहीं, अधिकांश गरीब खुलेआम राशन दुकान से मिलने वाले चावल को गल्ला दुकान में बेच रहे हैं और गल्ला दुकान की आड़ में राशन दुकान का चावल भी खुलेआम खरीदा जा रहा है।
किन्तु इस दिशा में प्रशासनिक तौर पर सबकुछ ज्ञात होते हुए भी गल्ला दुकानों का निरीक्षण आज तक नहीं किया गया और यही वजह है कि राशन दुकानों के इर्द-गिर्द भी राशन दुकान का चावल गरीबों से खरीदकर गल्ला दुकान में बेच दिया जाता है।
टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन से आते हैं राशन लेने
जहां तक गरीबी रेखा के राशन कार्डों का निर्धारण नियमों को ताक पर रखकर कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ जहां शासकीय सेवक जिनकी सैलरी पचास हजार रुपये है वे भी मुफ्त का राशन ले रहे हैं। और इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि राशन दुकान में गरीब राशन लेने टू व्हीलर तथा फोर व्हीलर वाहन से आ रहे हैं। अब ऐसे लोगों को शासन से मिलने वाला मोटा अनाज की क्या आवश्यकता होगी, स्वभाविक है खुले बाजार में ही गल्ला दुकानों में बिकेगा।
पूरे गाँव को ही बना दिया है गरीब
जहां तक पंचायत के आंकड़ों की बात करें तो धारनाकला में लगभग सात सौ तीस परिवार हैं। वहीं दूसरी तरफ मुफ्त का राशन 675 परिवारों को मिल रहा है और अधिकतर ऐसे परिवारों को मुफ्त का राशन मिल रहा है जिनके पास आलीशान भवन, दुकान, लंबी खेती तथा टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर वाहन मौजूद हैं।
वहीं आज भी ऐसे वास्तविक गरीब मौजूद हैं जिन्हें मुफ्त का राशन आज भी नहीं मिल रहा है क्योंकि गरीबों का मुफ्त का राशन अमीर डकार रहे हैं। और यही नहीं, गरीबी रेखा के कार्ड की आड़ में शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं जो लाभ वास्तविक गरीब को मिलना चाहिए, वही लाभ अमीर ले रहे हैं।
और यह स्थिति धारनाकला ही नहीं अपितु पूरे सिवनी जिले की है जहां इस योजना का लाभ अधिकतर अमीर ले रहे हैं। किन्तु इस ओर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी शासन की मूलभूत सुविधा का लाभ वास्तविक को दिलाने में कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है।
गल्ला दुकानों की सघनता से हो जांच
मुफ्त के अनाज की बिक्री रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को समय-समय पर गल्ला दुकानों के निरीक्षण की आवश्यकता है जहां पर क्विंटलों से राशन का चावल उपलब्ध मिलेगा और यही चावल मिलर्स के यहां जाकर वापस राशन दुकान में आ रहा है जिसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। इनका कहना समय-समय पर राशन कार्डों की जांच होनी चाहिए ताकि वास्तविक राशन कार्डों का निर्धारण किया जा सके। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सिवनी