सिवनी, धारनाकला (एस. शुक्ला): दक्षिण पूर्व रेल्वे (SECR) नागपुर मंडल द्वारा सिवनी से बरघाट गोकलपुर कटंगी रेल मार्ग के सर्वेक्षण मे मार्ग परिवर्तन के साथ इस मार्ग को सिवनी से बरघाट आष्टा कटंगी करने की मांग छेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित जनता द्वारा की गई है.
सांसद एवं जिला कलेक्टर को प्रस्तुत आवेदन मे उल्लेख किया गया है की दक्षिण पूर्व रेल्वे नागपुर मंडल के द्वारा वर्तमान मे सिवनी से कंटगी रेल मार्ग हेतू सर्वे रिपोर्ट विभिन्न 10 दस बिन्दूओ पर मागी गई है जिसमे वर्तमान सर्वेक्षण मार्ग सिवनी से बरघाट गोकलपुर कटंगी किया गया है जो की गलत है ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा रेलवे नियमों के अनुसार मार्ग सिवनी से बरघाट आष्टा कटंगी होना चाहिए का आवेदन प्रस्तुत किया गया है.
जिसमे प्रथम बिन्दू मे जनसंख्या जो प्रस्तावित रेलमार्ग के दोनो तरफ स्थापित है इस आधार पर रेलमार्ग बरघाट से गोकलपुर तरफ से न होकर मध्य छेत्र आष्टा तरफ से कटंगी ले जाना उचित होगा जिससे धारनाकला छेत्र के आसपास की जनसंख्या एवं गगेरूआ के आस पास की जनसंख्या दोनो को रेलवे सुविधा का लाभ मिलेगा यदि यह लाईन गोकलपुर गगेरूआ होते हुऐ जाती है तो धारनाकला क्षेत्र की जनता को इसके लाभ से वंचित होना पडेगा.
ऐतिहासिक स्थल है आष्टा
यहा यह भी उल्लेखनीय है की छटवे बिन्दू मे Tourist development की चर्चा है इस आधार पर बरघाट क्षेत्र मे एक मात्र tourist development की संभावना के तहत आष्टा का प्राचीन काली जी का मन्दिर है जो पुरातत्व विभाग के संरक्षण मे है और यहा पर सिवनी ही नही जबलपुर संभाग सहित अनेको संभाग के भक्त और दर्शनार्थी यहां आते है .
आष्टा मे काली जी का मन्दिर अनेकों संभागों मे विख्यात है जहां पूरे वर्ष भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है आवागमन की द्रष्टि से भी यह चारो और से घिरा हुआ है साथ ही आष्टा से लगा ऐतिहासिक सोनावानी का फॉरेस्ट है जो Eco tourism के अन्तर्गत आता है एवं नेशनल पार्क बनने की स्थिति मे है साथ सोनावानी मे भी दूर दूर से टूरिस्ट पार्क मे आने लगे है.
Mining activity के आधार पर भी रेलमार्ग आष्टा से कटंगी ले जाना जन हित मे उचित होगा क्योकि रमरमा माइंस बोटेझरी माइंस एवम कटंग झरी माइंस भी आष्टा से रेलवे मार्ग गुजरने से इसके करीब मे होगी.
यहा यह बताना भी लाजमी है ऐतिहासिक स्थल होने के बाद भी यहां से कोई हाइवे या उचित मार्ग जिला सिवनी अथवा तहसील तक नही है यहां के आसपास के हजारो विद्यार्थी दसवी बारहवी के बाद उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते है जबकि गोकलपुर गंगेरुआ तरफ पूर्व से ही राजमार्ग है आष्टा और धारनाकला छेत्र को रेल मार्ग से जोड़ने पर लाखो लाभान्वित होंगे.
साथ ही आष्टा छेत्र को रेलमार्ग से जोडने से सिवनी से कंटगी की दूरी भी कम हो जायेगी तथा रेलवे विभाग के रेलमार्ग के निर्माण मे व्यय भी कम होगा तथा इसका सीधा लाभ और सुविधा आम जनता को प्राप्त हो जायेगी इन सभी परिस्थिति को देखते हुए जनमानस तथा जनप्रतिनिधियों ने रेल मार्ग को आष्टा से जोड़ने की अपेक्षा व्यक्त की है और जिला कलेक्टर सहित रेलवे को भी आवेदन प्रस्तुत किया है.