सिवनी, 17 जुलाई — मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए जा रहे “नशे से दूरी है जरूरी” जनजागरूकता अभियान के तीसरे दिन सिवनी जिले के दो प्रमुख शिक्षण संस्थानों — पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय और सरस्वती शिशु मंदिर में प्रभावशाली जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
यह आयोजन पुलिस अधीक्षक श्री सुनील मेहता के कुशल मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री दीपक मिश्रा और नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमती पूजा पांडेय के नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में निरीक्षक ओमेश्वर ठाकरे ने विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि किस प्रकार यह आदत व्यक्ति, परिवार और समाज को धीरे-धीरे बर्बादी की ओर ले जाती है।
उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से बचने के उपायों की जानकारी दी और बताया कि किसी भी नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए सही समय पर मदद लेना जरूरी है। इसके साथ ही, मानस हेल्पलाइन 1933, 14446, नेशनल सुसाइड हेल्पलाइन 14416 और मध्यप्रदेश नारकोटिक्स विभाग के नंबर 7049100785 जैसी महत्वपूर्ण हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी भी दी गई, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सहायता प्राप्त की जा सके।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नशा छोड़ने और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करने की शपथ ली। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने कई प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर देकर उन्हें नशे के कारण होने वाले ट्रैफिक एक्सीडेंट, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, और पारिवारिक जीवन में आने वाली परेशानियों की विस्तृत जानकारी दी गई।
केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य श्री दीपक साहू ने पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए इसे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बताया। वहीं शिशु मंदिर के प्राचार्य श्री यादव ने कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा और सही दिशा में जागरूकता ही युवा पीढ़ी को गलत रास्तों से बचा सकती है।
इस आयोजन में दोनों विद्यालयों के 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने मिलकर “हमारा यह संदेश — नशा मुक्त हो मध्यप्रदेश” को साकार करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में जागरूकता नोडल टीम के सदस्य उप निरीक्षक प्रमोद भारद्वाज एवं आरक्षक भूषण बहेटवार का सराहनीय योगदान रहा। विद्यार्थियों ने जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाने हेतु “नशे से दूरी है जरूरी” पैंपलेट्स विद्यालय में चस्पा कर अपनी सहभागिता दर्शाई।
यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद रहा बल्कि एक सामाजिक संदेश भी छोड़ गया कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, पूरे समाज का दुश्मन है — और इससे लड़ना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।