मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में पाकिस्तान की नापाक हरकतों को लेकर जनता के गुस्से ने अब एक नया रूप ले लिया है। सिवनी जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार नेहरू रोड पर सड़क के बीचोंबीच बनाया गया पाकिस्तान का झंडा इस विरोध का प्रतीक बन गया है। यह कदम पाकिस्तान को प्रतीकात्मक रूप से “पैरों तले रौंदने” के उद्देश्य से उठाया गया है।
सेना के पराक्रम को सलाम, पाकिस्तान के खिलाफ जन आक्रोश
देशभर में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का गुणगान किया जा रहा है। LOC पर पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही नापाक गोलाबारी और आतंकवादी गतिविधियों का सेना द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इसी बीच जनता में व्याप्त गुस्सा और आक्रोश ने सिवनी में एक नया रूप ले लिया है।
सिवनी वासियों का यह प्रयास न केवल पाकिस्तान की निंदा करता है, बल्कि यह उस जनभावना को भी दर्शाता है, जिसमें भारतवासी एकजुट होकर अपने सैनिकों के साथ खड़े हैं।
नेहरू रोड पर झंडा बनाकर विरोध का नया तरीका
सिवनी के नागरिकों ने पाकिस्तान का झंडा सड़क पर बनाकर यह साफ संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब भारत की जनता के पैरों तले होगा। यह झंडा किसी राजनीतिक या धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और शौर्य का प्रतीक बनकर उभरा है।
इस कार्य को करने वाले युवाओं और सामाजिक संगठनों का कहना है कि,
“हम चाहते हैं कि हर भारतीय जब इस झंडे पर कदम रखे, तो उसे यह एहसास हो कि वह देशद्रोहियों और आतंकवादियों को कुचल रहा है।”
जनता की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया से सड़कों तक उबाल
सोशल मीडिया पर यह प्रतीकात्मक विरोध वायरल हो चुका है। हजारों लोग इस कदम की सराहना कर रहे हैं और अपने-अपने शहरों में भी इसी प्रकार का विरोध दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #SeoniProtestAgainstPakistan और #PakFlagOnRoad जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
स्थानीय दुकानदारों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने इस झंडे पर चलकर अपने गुस्से को प्रकट किया। उनका कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों से बाज नहीं आता, तब तक इस तरह के विरोध जारी रहेंगे।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
सिवनी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस घटनाक्रम को बेहद संवेदनशील मानते हुए सतर्क नजर रखे हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की अशांति या विवाद की खबर नहीं है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जनता का गुस्सा जायज़ है, परंतु कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सावधानी जरूरी है। पुलिस ने भी जनता से अपील की है कि वे शांति और संयम बनाए रखें, और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का विरोध संवैधानिक दायरे में रहकर करें।
राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि जनता का यह विरोध भावनात्मक स्तर पर पूरी तरह से सही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही स्थानीय स्तर पर इस विरोध को “जन भावनाओं का स्वाभाविक प्रकट रूप” मान रही हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने भी इस प्रकार के प्रयासों को समर्थन दिया है और कहा है कि पाकिस्तान की हरकतों का विरोध इस प्रकार प्रतीकात्मक रूप से होना चाहिए।
राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बना सिवनी
सिवनी जिला अब सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक प्रतीक बन चुका है। यहां का यह झंडा विरोध एक उदाहरण है कि भारत के नागरिक अब खामोश नहीं बैठेंगे। वे हर स्तर पर अपने संवेदनाओं, आक्रोश और राष्ट्रप्रेम को व्यक्त करने के लिए तैयार हैं।
यह विरोध उन वीर सैनिकों के सम्मान में है जो सीमा पर दिन-रात हमारी रक्षा कर रहे हैं। साथ ही यह एक चेतावनी है उन शक्तियों के लिए जो भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती हैं।
देशभक्ति की यह अलख जलती रहे
सिवनी में पाकिस्तान के झंडे को सड़क पर बनाना कोई साधारण विरोध नहीं, बल्कि एक राष्ट्रवादी चेतना का उभार है। यह कदम दर्शाता है कि अब भारत की जनता सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रही, बल्कि धरातल पर उतर कर विरोध कर रही है। हम सबको चाहिए कि हम भी ऐसे प्रतीकात्मक प्रयासों का सम्मान करें और देश के जवानों के साथ खड़े हों।